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लेंसकार्ट की आईपीओ लिस्टिंग: निवेशकों के लिए एक नया अवसर

लेंसकार्ट की आईपीओ लिस्टिंग ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें शुरुआती कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। कंपनी ने 72.8 अरब रुपये जुटाए हैं और इसका मार्केट वैल्यू 70,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। विशेषज्ञों ने इसके मूल्यांकन को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है। जानें इस आईपीओ के बारे में और क्या संभावनाएँ हैं।
 

लेंसकार्ट की शेयर बाजार में एंट्री

सोमवार को लेंसकार्ट के शेयर बाजार में प्रवेश ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया, लेकिन इसकी शुरुआत में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। प्रारंभिक कारोबार में कंपनी के शेयरों में 12% तक की गिरावट आई, लेकिन बाद में इसमें सुधार हुआ और यह आईपीओ मूल्य से लगभग 0.3% ऊपर बंद हुआ।


आईपीओ से जुटाई गई राशि

लेंसकार्ट, जिसे उद्यमी पीयूष बंसल ने स्थापित किया, ने अपने आईपीओ के माध्यम से 72.8 अरब रुपये (लगभग 821 मिलियन डॉलर) जुटाए हैं। इस आईपीओ को निवेशकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली, और यह लगभग 28 गुना सब्सक्राइब हुआ। संस्थागत निवेशकों की बड़ी भागीदारी ने इसे इस वर्ष के सबसे चर्चित आईपीओ में से एक बना दिया।


शेयर मूल्य और विशेषज्ञों की राय

लेंसकार्ट के शेयर की कीमत पिछले वित्त वर्ष की आय के मुकाबले 238 गुना निर्धारित की गई थी, जबकि बीएसई कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी इंडेक्स का औसत मल्टीपल केवल 42 के आसपास है। इस कारण कुछ वित्तीय विशेषज्ञों ने कंपनी के वैल्यूएशन को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। एंबिट कैपिटल ने कंपनी पर 'सेल' की रेटिंग देते हुए कहा है कि मौजूदा स्तर पर शेयर की कीमत को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।


सोशल मीडिया पर चर्चा

सोशल मीडिया पर इस आईपीओ के ऊंचे मूल्यांकन को लेकर काफी बहस हो रही है। डीएसपी एसेट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपने निवेश का बचाव करते हुए कहा कि लेंसकार्ट का बिज़नेस मॉडल मजबूत और विस्तार योग्य है, हालांकि उन्होंने इसे 'महंगा' भी माना।


लेंसकार्ट का मार्केट वैल्यू

इस लिस्टिंग के बाद लेंसकार्ट का मार्केट वैल्यू लगभग 70,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जो कोलगेट-पामोलिव इंडिया, यूनाइटेड ब्रेवरीज, पेज इंडस्ट्रीज़ और पीएंडजी की एक भारतीय यूनिट जैसी स्थापित कंपनियों से भी अधिक है।


भारत का आईपीओ बाजार

भारत इस समय दुनिया के सबसे सक्रिय आईपीओ बाजारों में से एक बन चुका है, जहां घरेलू निवेशक तेजी से जुड़ रहे हैं और पूंजी जुटाने की गतिविधियां बढ़ रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में भारतीय कंपनियों ने अब तक लगभग 17 अरब डॉलर के आईपीओ के जरिए पूंजी जुटाई है। आने वाले समय में ग्रो की पैरेंट कंपनी बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स और डिजिटल पेमेंट्स कंपनी Pine Labs के बड़े आईपीओ भी बाजार में आने वाले हैं, जिससे निवेशकों की दिलचस्पी और बढ़ने की संभावना है।


निष्कर्ष

कुल मिलाकर, लेंसकार्ट की लिस्टिंग ने न केवल भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में चर्चा पैदा की है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि देश का शेयर बाजार अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक मजबूत और आकर्षक विकल्प बनता जा रहा है।