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वाहनों के थर्ड पार्टी बीमा में बढ़ोतरी: जानें क्या है इसका असर?

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम में औसतन 18% की वृद्धि का सुझाव दिया है। कुछ श्रेणियों में यह वृद्धि 20% से 25% तक हो सकती है। मंत्रालय की मंजूरी के बाद, मसौदा अधिसूचना जारी की जाएगी और जनता से सुझाव लिए जाएंगे। थर्ड पार्टी बीमा किसी तीसरे पक्ष को हुए नुकसान को कवर करता है, और इसके बिना गाड़ी चलाना गैरकानूनी है। जानें इस बदलाव का आपके लिए क्या मतलब है।
 

व्यापार समाचार:

व्यापार समाचार: वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा की लागत में वृद्धि हो सकती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने सरकार को बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी का सुझाव दिया है। IRDAI ने औसतन 18% की वृद्धि का प्रस्ताव रखा है, जबकि कुछ वाहन श्रेणियों में यह वृद्धि 20% से 25% तक हो सकती है। इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा, और उम्मीद है कि 2 से 3 हफ्तों में इस पर फैसला किया जाएगा।


मसौदा अधिसूचना का प्रकाशन

मसौदा अधिसूचना जारी की जाएगी

मंत्रालय की स्वीकृति के बाद, जनता की राय के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद सुझाव प्राप्त करने और समीक्षा करने की प्रक्रिया शुरू होगी, और तब जाकर इन परिवर्तनों को लागू किया जाएगा। पिछले तीन वर्षों से इस बीमा के प्रीमियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।


थर्ड पार्टी बीमा की परिभाषा

तृतीय पक्ष बीमा क्या है?

यह बीमा आपके वाहन द्वारा किसी तीसरे पक्ष (जैसे कि राहगीर, अन्य ड्राइवर या उनकी संपत्ति) को होने वाले नुकसान को कवर करता है। यह आपके या आपके वाहन को हुए नुकसान को नहीं कवर करता, बल्कि दूसरों को हुए नुकसान के लिए सुरक्षा प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी कार से किसी अन्य वाहन को नुकसान पहुँचता है या कोई घायल हो जाता है, तो थर्ड-पार्टी बीमा उस नुकसान को कवर करता है, जैसे मरम्मत की लागत या चिकित्सा खर्च।


कवर की जाने वाली चीजें

क्या कवर किया गया है?

  • किसी तीसरे व्यक्ति के घायल होने या उसकी मृत्यु होने पर मुआवज़ा (7.5 लाख रुपये तक)।
  • किसी तीसरे व्यक्ति की संपत्ति (जैसे दूसरी कार, दुकान या घर) को नुकसान होने पर मुआवज़ा।
  • यह कानूनी रूप से अनिवार्य है। थर्ड पार्टी बीमा के बिना गाड़ी चलाना गैरकानूनी है, और इसके लिए जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
  • यह आपको वित्तीय बोझ से बचाता है; यदि आपकी गलती से किसी को नुकसान होता है, तो बीमा कंपनी इसकी भरपाई करती है।