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विंट्रैक इंक ने भारत में लॉजिस्टिक्स संचालन बंद करने की घोषणा की

चेन्नई स्थित कार्गो कंपनी विंट्रैक इंक ने भारत में अपने आयात और निर्यात संचालन को बंद करने का निर्णय लिया है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि सीमा शुल्क अधिकारी उन्हें लगातार उत्पीड़ित कर रहे हैं और रिश्वत मांग रहे हैं। विंट्रैक के संस्थापक ने कुछ अधिकारियों के नाम लेकर सीधे आरोप लगाए हैं। इस मामले पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पूर्व इंफोसिस CEO मोहनदास पई ने भी प्रतिक्रिया दी है। कंपनी 2 अक्टूबर को इस संबंध में एक विस्तृत वीडियो जारी करने की योजना बना रही है।
 

विंट्रैक इंक का भारत में संचालन बंद करने का निर्णय

चेन्नई स्थित कार्गो कंपनी विंट्रैक इंक ने भारत में अपने लॉजिस्टिक्स और आयात/निर्यात गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। कंपनी ने यह कदम शहर के सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न और लगातार रिश्वत मांगने की घटनाओं के कारण उठाया है।




कंपनी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, '1 अक्टूबर, 2025 से, हम भारत में आयात/निर्यात गतिविधियां बंद कर देंगे। पिछले 45 दिनों से, चेन्नई के सीमा शुल्क अधिकारी हमें लगातार परेशान कर रहे हैं।'




विंट्रैक ने आरोप लगाया कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने इस कार्रवाई को 'जवाबी कार्रवाई' के रूप में किया। कंपनी के अनुसार, उन्होंने इस वर्ष दो बार अधिकारियों की रिश्वतखोरी का खुलासा किया था।




कंपनी ने स्पष्ट किया, 'इस साल दो बार उनकी रिश्वतखोरी का खुलासा करने के बाद, उन्होंने जवाबी कार्रवाई की, जिससे हमारे संचालन और व्यवसाय को नुकसान हुआ।' विंट्रैक ने पिछले 45 दिनों से अधिकारियों द्वारा 'बार-बार और अनुचित उत्पीड़न' का आरोप लगाया, जिसने उनके व्यापार करने की क्षमता को 'बुरी तरह प्रभावित' किया। लगातार दबाव के कारण उनके लिए देश में परिचालन जारी रखना 'असंभव' हो गया।




विंट्रैक इंक के संस्थापक प्रवीण गणेशन ने एक्स पर कुछ सीमा शुल्क अधिकारियों के नाम लेकर सीधे रिश्वतखोरी के आरोप लगाए।




गणेशन ने विशेष खुफिया और जांच शाखा के कुछ अधिकारियों का नाम लेते हुए लिखा, 'SIIB: आशीष नेहरा वाइटल, EO: बंदी नारियप्पा AO: ज्ञानेंद्र पांडे। इन अधिकारियों ने पिछले हफ्ते मेरी पत्नी की कंपनी के शिपमेंट को मंजूरी देने के लिए रिश्वत ली। मुंबई के फेसलेस असेसमेंट ऑफिसर को 50,000 मिले।'




कंपनी ने यह भी बताया कि अगस्त से सितंबर के बीच शीर्ष अधिकारियों से शिकायत करने के बाद उत्पीड़न बढ़ गया, क्योंकि अधिकारियों का उद्देश्य उन्हें चुप कराना था। कंपनी 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) को इस संबंध में एक विस्तृत वीडियो जारी करेगी।




कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस घटना को 'वास्तव में निराशाजनक' बताया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पूरी व्यवस्था में 'व्यापक' है, लेकिन जोर दिया कि यह 'ऐसा होना जरूरी नहीं है' अगर देश को विकास और समृद्धि हासिल करनी है।




इंफोसिस के पूर्व सीईओ मोहनदास पई ने कंपनी के आरोपों के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग किया। पई ने लिखा, 'मैडम @nsitharaman, यह स्वीकार्य नहीं है। आप हमारे बंदरगाहों में व्यवस्थागत भ्रष्टाचार को खत्म करने में विफल रही हैं। कृपया इसे रोकें... हमारे प्रधानमंत्री @narendramodi ने हमें भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वादा किया था।'