वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक व्यापार में टैरिफ के बदलते स्वरूप पर की चर्चा
वैश्विक व्यापार में बदलाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि वैश्विक व्यापार व्यवस्था में तेजी से बदलाव आ रहा है, और अब टैरिफ केवल आर्थिक उपकरण नहीं रह गए हैं। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार को अब एक रणनीतिक साधन के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका और मेक्सिको जैसे देशों के हालिया निर्णयों के संदर्भ में, उन्होंने भारत को अपने आर्थिक हितों की रक्षा करते हुए समझदारी से बातचीत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
टैरिफ का नया दृष्टिकोण
टैरिफ अब नीति नहीं, बल्कि हथियार
एक कार्यक्रम में अपने विचार साझा करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि टैरिफ और अन्य उपायों का उपयोग वैश्विक व्यापार को 'हथियार' के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान परिदृश्य में, भारत को केवल शुल्क संरचना पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि अपनी समग्र आर्थिक मजबूती के आधार पर निर्णय लेने चाहिए। यह मजबूती भारत को बातचीत में एक अतिरिक्त लाभ प्रदान करेगी।
अमेरिका और मेक्सिको के निर्णयों का प्रभाव
अमेरिका और मेक्सिको के फैसलों का असर
सीतारमण की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने भारत पर व्यापार घाटे का हवाला देते हुए 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था। इसके बाद, रूस से कच्चे तेल की खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाया गया। इसी तरह, मेक्सिको ने भी भारत सहित कई देशों से आयात पर भारी टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है।
भारत पर आरोप और प्रतिक्रिया
भारत पर दोहरे मापदंड का आरोप
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को अक्सर 'इनवर्ड लुकिंग' और 'टैरिफ किंग' के रूप में आलोचना का सामना करना पड़ता है। लेकिन उन्होंने बताया कि कई देश खुले तौर पर टैरिफ बढ़ा रहे हैं और उन पर कोई सवाल नहीं उठता। उन्होंने इसे वैश्विक व्यापार में उभरते दोहरे मापदंड के रूप में देखा।
घरेलू उद्योगों की सुरक्षा
घरेलू उद्योगों की सुरक्षा का तर्क
सीतारमण ने स्पष्ट किया कि भारत का उद्देश्य कभी भी टैरिफ को हथियार बनाना नहीं रहा। उन्होंने कहा कि देश ने केवल अपने घरेलू उद्योगों को अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए कदम उठाए हैं। उनके अनुसार, कुछ देशों से आक्रामक आपूर्ति घरेलू बाजार को नुकसान पहुंचा सकती है।
मेक्सिको के साथ बातचीत
मेक्सिको से बातचीत की पहल
मेक्सिको ने 2026 से मुक्त व्यापार समझौता न रखने वाले देशों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे भारत पर भी प्रभाव पड़ सकता है। वित्त मंत्री ने बताया कि भारत ने पहले ही मेक्सिको के साथ बातचीत शुरू कर दी है, ताकि इन शुल्कों के प्रभाव को कम किया जा सके।