×

विदेशी निवेशकों की सतर्कता: अमेरिका के नए टैरिफ का असर

अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ नए टैरिफ की घोषणा के बाद विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से धन निकालना शुरू कर दिया है। अगस्त 2025 में अब तक लगभग 18,000 करोड़ रुपए की निकासी हो चुकी है। इस लेख में जानें कि कैसे व्यापारिक तनाव और कॉरपोरेट नतीजों ने निवेशकों के फैसले को प्रभावित किया है। भारत भी अमेरिका के टैरिफ का जवाब देने की तैयारी कर रहा है।
 

भारतीय बाजार से निकासी का आंकड़ा


आठ अगस्त तक भारतीय बाजार से 17,924 करोड़ रुपए निकाले गए


बिजनेस डेस्क : अमेरिका ने 31 जुलाई को भारत के खिलाफ नए टैरिफ की घोषणा की थी। ट्रंप ने 31 जुलाई को कहा कि वह 7 अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा, और 6 अगस्त को इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का ऐलान किया।


इस घोषणा के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार से धन निकालना शुरू कर दिया। आंकड़ों के अनुसार, फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (एफपीआई) ने अगस्त 2025 में अब तक लगभग 18,000 करोड़ रुपए निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से कुल 1.13 लाख करोड़ रुपए की निकासी की है।


आठ अगस्त तक निकासी का विवरण

आंकड़ों के अनुसार, इस महीने (8 अगस्त तक) एफपीआई ने 17,924 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं। जुलाई में विदेशी निवेशकों ने नेट बेसिस पर 17,741 करोड़ रुपए निकाले थे। अगस्त में एफपीआई की निकासी के मुख्य कारणों में भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता व्यापारिक तनाव, कॉरपोरेट कंपनियों के पहले तिमाही के निराशाजनक नतीजे और भारतीय रुपए की कमजोरी शामिल हैं। इसके अलावा, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि ने भी विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया, जिससे भारतीय बाजार से पूंजी निकासी बढ़ी।


भारत की प्रतिक्रिया

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद के समाधान की संभावना कम नजर आ रही है। अमेरिका ने 25 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है और इसे 28 अगस्त से 50 प्रतिशत करने की योजना बनाई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी है कि यदि भारत ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में टैरिफ लगाया, तो वह और भी सख्त कदम उठाएंगे। भारत ने कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की तैयारी कर ली है। यह अमेरिका द्वारा भारतीय स्टील, एल्युमिनियम और अन्य उत्पादों पर लगाए गए 50% टैरिफ का जवाब होगा।