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सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया

सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की चौथी तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है। इससे निवेशकों को स्थिर रिटर्न मिलेगा। सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दरें 8.2% तक रहेंगी, जबकि PPF पर यह 7.1% होगी। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और निवेशकों के लिए इसके फायदे।
 

सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय


नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत से पहले, सरकार ने करोड़ों मध्यमवर्गीय निवेशकों और आम जनता के लिए एक राहत भरा कदम उठाया है। वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 की चौथी तिमाही, यानी जनवरी से मार्च 2026 के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं करने की घोषणा की है।


ब्याज दरों में स्थिरता

31 दिसंबर 2025 को जारी एक आधिकारिक नोटिस के अनुसार, पीपीएफ (PPF), एनएससी (NSC) और अन्य प्रमुख योजनाओं की ब्याज दरें वही रहेंगी, जो तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2025) में थीं। इसका अर्थ है कि निवेशकों को 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2026 तक वही रिटर्न प्राप्त होगा जो वर्तमान में मिल रहा है।


ब्याज दरों का विवरण

सरकार के इस निर्णय के बाद, कई योजनाओं पर निवेशकों को पूर्ववत लाभ मिलेगा। सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर सबसे अधिक 8.2% का ब्याज मिलेगा। यह वरिष्ठ नागरिकों और बेटियों के भविष्य के लिए निवेश करने वाले अभिभावकों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है। वहीं, आम लोगों के लिए लोकप्रिय पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर ब्याज दर 7.1% पर स्थिर रहेगी।


नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश करने वालों को 7.7% का निश्चित रिटर्न मिलेगा। पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) में जमा राशि पर 7.4% ब्याज रहेगा। इसके अलावा, किसान विकास पत्र (KVP) में निवेश करने पर 7.5% की दर जारी रहेगी। यह लगातार दूसरी तिमाही है, जब इन योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।


बाजार में कटौती की आशंका

अक्टूबर-दिसंबर 2025 तक बाजार में यह चर्चा थी कि मुद्रास्फीति और आर्थिक हालात के कारण सरकार ब्याज दरों में कटौती कर सकती है। वित्त मंत्रालय हर तिमाही इन दरों की समीक्षा करता है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ परामर्श करता है। सरकारी बांड्स की यील्ड और अन्य आर्थिक संकेतकों में उतार-चढ़ाव के कारण निवेशकों में चिंता थी कि पीपीएफ या एनएससी जैसी योजनाओं के रिटर्न कम हो सकते हैं।


निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत

हालांकि, दरों का स्थिर रहना निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर है। इससे उनकी जमा राशि पर मिलने वाला रिटर्न सुरक्षित रहेगा और भविष्य की योजनाओं की योजना बनाना आसान हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम निवेशकों के विश्वास को बनाए रखने में मदद करेगा और लोगों को बचत के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करेगा.