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सितंबर में खुदरा महंगाई दर में गिरावट, 1.54 प्रतिशत पर पहुंची

सितंबर 2023 में खुदरा महंगाई दर 1.54 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो जून 2017 के बाद का सबसे कम स्तर है। इस गिरावट का मुख्य कारण जीएसटी सुधार को माना जा रहा है, जिसने विभिन्न वस्तुओं की कीमतों में कमी लाई है। खाद्य महंगाई दर भी नकारात्मक रही, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग स्तर पर दर्ज की गई। जानें इस विषय पर और क्या जानकारी है और भविष्य में महंगाई दर के अनुमान क्या हैं।
 

महंगाई दर में महत्वपूर्ण कमी

नई दिल्ली: सितंबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति दर घटकर 1.54 प्रतिशत हो गई है, जो कि जून 2017 के बाद का सबसे कम स्तर है। यह जानकारी सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई है।


इस महीने में महंगाई दर में अगस्त की तुलना में 0.53 प्रतिशत की कमी आई है।


सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बताया कि खाद्य महंगाई दर सितंबर में -2.28 प्रतिशत रही। ग्रामीण क्षेत्रों में यह -2.17 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में -2.47 प्रतिशत दर्ज की गई। अगस्त में खाद्य महंगाई दर 0.64 प्रतिशत थी।


महंगाई में कमी का मुख्य कारण जीएसटी सुधार को माना जा रहा है, जिसने दैनिक उपभोग से लेकर वाहनों तक की कीमतों में गिरावट लाई है।


सरकार के अनुसार, सितंबर में आवासीय मुद्रास्फीति 3.98 प्रतिशत रही, जो अगस्त में 3.09 प्रतिशत थी। शिक्षा मुद्रास्फीति की दर सितंबर में 3.44 प्रतिशत रही, जबकि अगस्त में यह 3.60 प्रतिशत थी।


परिवहन और संचार में मुद्रास्फीति दर सितंबर में 1.82 प्रतिशत रही, जो अगस्त में 1.94 प्रतिशत थी। ईंधन और ऊर्जा में खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर में 1.98 प्रतिशत रही, जबकि अगस्त में यह 2.32 प्रतिशत थी।


इस महीने की शुरुआत में आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्त वर्ष 26 के लिए महंगाई दर के अनुमान को घटाया।


केंद्रीय गवर्नर ने वित्त वर्ष 26 के लिए खुदरा महंगाई दर के अनुमान को 2.6 प्रतिशत कर दिया, जो पहले 3.1 प्रतिशत था।


चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत किया गया है, जबकि तीसरी तिमाही के लिए यह 3.1 प्रतिशत से घटकर 1.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4 प्रतिशत कर दिया गया है।


आरबीआई ने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत रह सकती है।