सिरसा में बारिश से फसलों को भारी नुकसान, 25 हजार किसानों ने की मुआवजे की मांग
सिरसा में बारिश का कहर
सिरसा। हाल ही में जिले में हुई 175 एमएम बारिश ने खरीफ सीजन की फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। किसानों के अनुसार, नरमा, बाजरा और ग्वार की फसलें लगभग 70 प्रतिशत तक बर्बाद हो गई हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा पोर्टल पर अब तक 24,975 किसानों ने अपने फसलों के नुकसान का सर्वेक्षण कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। इसके अतिरिक्त, कई किसान डीडीए कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन भी जमा कर रहे हैं। प्रशासन ने संबंधित गांवों में नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे टीमों को खेतों में भेजा है।
जलभराव वाले गांवों में प्राथमिकता से सर्वे
जिला प्रशासन ने जानकारी दी है कि जिन गांवों में जलभराव अधिक हुआ है और फसलें पूरी तरह से खराब हो गई हैं, वहां कृषि विभाग और बीमा कंपनी की टीमों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान कुल 2460 एकड़ क्षेत्र में फसल खराबे की प्रारंभिक रिपोर्ट महानिदेशक, चंडीगढ़ को भेजी गई है। इसमें नाथूसरी चौपटा क्षेत्र के तरकांवाली, शाहपुरिया, शक्करमंदोरी, गंजा रूपाणा, रूपाणा खुर्द, दड़बा कलां और अन्य गांव शामिल हैं।
25 हजार किसानों ने नुकसान की रिपोर्ट दी
उप कृषि निदेशक सिरसा, डॉ. सुखदेव सिंह ने बताया कि फसल बीमा पोर्टल पर लगभग 25 हजार किसानों ने जलभराव से हुए नुकसान की सूचना दी है। कृषि विभाग और बीमा कंपनी की संयुक्त टीमें निरीक्षण रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। वर्तमान में चौपटा, रानियां और बड़गुढ़ा क्षेत्र में नुकसान अधिक है। चौपटा क्षेत्र के 14 गांवों में पहले ही नुकसान की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। इसके अलावा, सरकार ने 310 गांवों के लिए ई क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खोला है।
किसानों की मेहनत पर पानी
जिले के खारियां गांव के किसान सुभाष नैन, रामकुमार, अभिषेक कुमार, विपिन, राजेंद्र सिंह और अन्य ने बताया कि इस सीजन नरमा, ग्वार, धान और बाजरा की फसलें अच्छी होने की उम्मीद थी। वे फसलों पर कर्ज लेकर खर्च कर रहे थे, लेकिन हाल की बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। फसलें जलभराव के कारण खराब हो गई हैं। किसानों ने संबंधित विभाग से गिरदावरी की मांग करते हुए सरकार से मुआवजे की अपील की है।