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सेबी का नया ढांचा: ब्लॉक डील में सुधार की तैयारी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) अपने ब्लॉक डील ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार करने की योजना बना रहा है। नए नियमों में संदर्भ मूल्य सीमा में बदलाव और न्यूनतम ऑर्डर आकार में वृद्धि शामिल हैं। कार्य समूह ने हाल ही में सिफारिशें प्रस्तुत की हैं, जो बड़े निवेशकों के लिए व्यापार प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने का प्रयास करती हैं। जानें कि ये बदलाव कैसे बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।
 

सेबी का नया ढांचा

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) जल्द ही ब्लॉक डील के लिए अपने नए ढांचे को अंतिम रूप देने जा रहा है। इस ढांचे में संदर्भ मूल्य सीमा में बदलाव और न्यूनतम ऑर्डर आकार में वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण सुधार शामिल होने की संभावना है। सेबी ने इस दिशा में एक कार्य समूह का गठन किया था, जिसने हाल ही में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की हैं। बाजार से प्राप्त फीडबैक के आधार पर, सेबी इस ढांचे को शीघ्रता से अंतिम रूप देने की योजना बना रहा है।


ब्लॉक डील की परिभाषा


ब्लॉक डील एक व्यापार प्रणाली है, जो पूर्व-निर्धारित सौदों को एक्सचेंज पर एक निश्चित समय सीमा के भीतर निष्पादित करने की अनुमति देती है, साथ ही मूल्य हेरफेर को रोकने के लिए सख्त नियमों का पालन करती है। यह बड़े निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार तंत्र है।


प्रस्तावित मूल्य सीमा और ऑर्डर साइज में बदलाव


मनीकंट्रोल ने पहले ही 27 मई को ब्लॉक डील में संभावित बड़े बदलावों की जानकारी दी थी और 11 अगस्त को सेबी कार्य समूह द्वारा व्यापक मूल्य सीमा और उच्च ऑर्डर आकार का प्रस्ताव रखा गया था। सूत्रों के अनुसार, सेबी ब्लॉक डील के लिए दो प्रकार की मूल्य सीमाएं लागू कर सकता है:


  • F&O सेगमेंट के लिए: फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) खंड में कारोबार करने वाले स्टॉक्स के लिए, ब्लॉक डील की मूल्य सीमा संदर्भ मूल्य के प्लस और माइनस 1 प्रतिशत के भीतर रहने की संभावना है।
  • नॉन-F&O सेगमेंट के लिए: वहीं, नॉन-F&O खंड के स्टॉक्स के लिए, यह संदर्भ मूल्य के प्लस और माइनस 3 प्रतिशत की सीमा में रहने की संभावना है।


हालांकि, कार्य समूह ने सुबह की ब्लॉक डील विंडो के लिए 5 प्रतिशत और दोपहर के ट्रेडिंग विंडो के लिए 3 प्रतिशत की मूल्य सीमा का सुझाव दिया था। इसके अलावा, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने प्लस और माइनस 2 प्रतिशत की मूल्य सीमा का सुझाव दिया था।


NSE डेटा का महत्व


वित्त वर्ष 25 के एनएससी डेटा के अनुसार, लगभग 66 प्रतिशत ब्लॉक डील नॉन-F&O स्टॉक्स में हुई थीं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि नॉन-F&O सेगमेंट में ब्लॉक डील का बाजार में महत्वपूर्ण स्थान है, और प्रस्तावित 3% की मूल्य सीमा इस सेगमेंट के लिए अत्यंत प्रासंगिक होगी।


सेबी के नए नियम ब्लॉक डील प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, कुशल और बाजार सहभागियों के लिए अधिक आकर्षक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।