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सेबी की चेतावनी: डिजिटल गोल्ड में निवेश से पहले जानें ये बातें

डिजिटल गोल्ड में निवेश का चलन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन सेबी ने इस पर गंभीर चेतावनी जारी की है। कई प्लेटफॉर्म्स ऐसे उत्पाद बेच रहे हैं जो सेबी के अधीन नहीं आते, जिससे निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। जानें सुरक्षित निवेश के विकल्प जैसे गोल्ड ईटीएफ और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
 

डिजिटल गोल्ड में निवेश का बढ़ता चलन


सोने में ऑनलाइन निवेश का चलन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन अब सेबी ने इस पर गंभीर चेतावनी जारी की है। मार्केट रेगुलेटर ने बताया कि कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स 'डिजिटल गोल्ड' या 'ई-गोल्ड' के नाम पर ऐसे उत्पाद बेच रहे हैं जो सेबी के अधीन नहीं आते। इसका अर्थ है कि यदि कोई निवेशक इन योजनाओं में नुकसान उठाता है, तो उसे किसी प्रकार का रेगुलेटरी संरक्षण नहीं मिलेगा। सेबी ने निवेशकों से सतर्क रहने की अपील की है।


सेबी की चेतावनी: निवेशकों को हो सकता है नुकसान

सेबी ने शनिवार को एक प्रेस रिलीज़ में कहा कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बिना किसी नियामकीय अनुमति के डिजिटल गोल्ड में निवेश का विकल्प प्रदान कर रहे हैं। ये उत्पाद न तो सिक्योरिटी के रूप में माने जाते हैं और न ही कमोडिटी डेरिवेटिव्स के दायरे में आते हैं। सेबी ने स्पष्ट किया कि डिजिटल गोल्ड पूरी तरह से उसकी निगरानी से बाहर है और इसमें काउंटरपार्टी व ऑपरेशनल रिस्क शामिल हैं।


बढ़ती डिजिटल गोल्ड की लोकप्रियता

महज ₹10 से निवेश की सुविधा देने वाले प्लेटफॉर्म्स ने युवाओं और छोटे निवेशकों को आकर्षित किया है। Tanishq, MMTC PAMP, Aditya Birla Capital, Caratlane, PhonePe और Shriram Finance जैसी कंपनियां डिजिटल गोल्ड को सुविधाजनक और भरोसेमंद बताते हुए प्रमोट कर रही हैं। हालांकि, सेबी ने कहा है कि चाहे ब्रांड कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर वह रेगुलेटेड नहीं है तो निवेशक को नुकसान होने पर कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी।


Tanishq और MMTC का दावा

Tanishq अपनी वेबसाइट पर कहता है कि 'Tanishq Digital Gold' 24 कैरेट सोना खरीदने का पारदर्शी और सुरक्षित तरीका है, जिससे निवेशक किसी भी समय सोना खरीद, बेच या स्टोर में एक्सचेंज कर सकते हैं। वहीं, MMTC PAMP खुद को डिजिटल गोल्ड का 'लीडर' बताता है और इसे सस्ता व आसान निवेश विकल्प के रूप में प्रमोट करता है।


Gold ETFs सुरक्षित विकल्प

सेबी ने बताया कि निवेशक चाहें तो गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs), गोल्ड डेरिवेटिव्स या इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट्स (EGRs) जैसे रेगुलेटेड प्रोडक्ट्स में सुरक्षित रूप से निवेश कर सकते हैं। ये विकल्प सेबी की निगरानी में आते हैं और इनमें निवेशकों को नियामकीय सुरक्षा भी मिलती है। पारंपरिक ज्वैलर्स की किश्त योजना जैसी स्कीम्स को पहले ही जोखिम के चलते सरकार ने हतोत्साहित किया था।


निवेशकों के लिए चेतावनी का समय

सेबी की इस चेतावनी ने डिजिटल गोल्ड मार्केट में हलचल मचा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को केवल उन्हीं प्रोडक्ट्स में पैसा लगाना चाहिए जो सेबी या आरबीआई के तहत रेगुलेटेड हों। अनरेगुलेटेड डिजिटल स्कीम्स में पैसा फंसने की संभावना हमेशा बनी रहती है।