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सेबी ने मर्चेंट बैंकरों के लिए नए पूंजी पर्याप्तता नियम लागू किए

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मर्चेंट बैंकरों के लिए नए पूंजी पर्याप्तता नियम लागू किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देना और जोखिम प्रबंधन में सुधार करना है। इसके साथ ही, मर्चेंट बैंकरों को कुछ शर्तों के साथ अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर की गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति भी दी गई है। जानें इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
 

नए नियमों का उद्देश्य और प्रभाव

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मर्चेंट बैंकरों के लिए पूंजी पर्याप्तता ढांचे में बदलाव करते हुए नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के तहत, नकद संपत्तियों की आवश्यकता होगी और स्वीकृत गतिविधियों से न्यूनतम राजस्व प्राप्त करना अनिवार्य होगा।


इन नए दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करना, जोखिम प्रबंधन में सुधार करना और व्यापार को सुगम बनाना है.


मर्चेंट बैंकरों के लिए नई अनुमति

सेबी ने तीन दिसंबर को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें मर्चेंट बैंकरों को एक ही कंपनी के अंतर्गत अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर की गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति दी गई है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ.


इस अधिसूचना के अनुसार, मर्चेंट बैंकर ऐसी गतिविधियों में संलग्न हो सकते हैं जो किसी अन्य वित्तीय क्षेत्र नियामक (एफएसआर) के अंतर्गत आती हैं। इसके अलावा, ये गतिविधियां सेबी या किसी अन्य वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) के दायरे में नहीं आनी चाहिए और इन्हें शुल्क आधारित, गैर-निधि आधारित होना चाहिए, जो वित्तीय सेवा क्षेत्र से संबंधित हों.


यह निर्णय सेबी के निदेशक मंडल की दिसंबर 2024 में हुई बैठक के बाद आया, जिसमें गैर-विनियमित गतिविधियों को एक अलग कानूनी इकाई में स्थानांतरित करने की मंजूरी दी गई थी.