सेबी ने शून्य-कूपन बॉंड जारी करने की नई अनुमति दी
सेबी की नई पहल
बाजार नियामक सेबी ने हाल ही में नियमों में बदलाव करते हुए बॉंड जारी करने वालों को 10,000 रुपये से कम अंकित मूल्य पर शून्य-कूपन (ब्याज रहित) ऋण प्रतिभूतियां जारी करने की शर्तों के साथ मंजूरी दी है।
इस मंजूरी के लिए यह आवश्यक है कि इन प्रतिभूतियों की निश्चित परिपक्वता हो और निवेशकों को मिलने वाला रिटर्न किसी जटिल शर्तों या बाहरी कारकों से प्रभावित न हो।
नए नियमों का प्रभाव
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में बताया कि इस संशोधन के बाद जारीकर्ता अब ब्याज देने वाली और शून्य-ब्याज वाली ऋण प्रतिभूतियों को कम अंकित मूल्य पर जारी कर सकेंगे।
सेबी ने स्पष्ट किया कि जारीकर्ता अब कम अंकित मूल्य पर ऐसी प्रतिभूतियां जारी करने के लिए योग्य होंगे, जो ब्याज या शून्य-ब्याज वाली हों।
पिछले नियमों की सीमाएं
सेबी ने जुलाई 2024 में कंपनियों को बॉंड और गैर-परिवर्तनीय तरजीही शेयर जैसी कुछ ऋण प्रतिभूतियां 10,000 रुपये से कम अंकित मूल्य पर जारी करने की अनुमति दी थी।
हालांकि, उस समय यह सुविधा केवल नियमित ब्याज या लाभांश देने वाली प्रतिभूतियों तक सीमित थी।
निवेशकों की चिंताएं
बाजार प्रतिभागियों ने यह मुद्दा उठाया था कि शून्य-कूपन बॉंड में निवेशकों को समय-समय पर ब्याज नहीं मिलता है।
ये बॉंड आमतौर पर छूट पर जारी किए जाते हैं और परिपक्वता पर अंकित मूल्य पर भुनाए जाते हैं।
सेबी का संशोधन
निवेशकों को समय के साथ बॉंड की कीमत में वृद्धि से अपने निवेश पर रिटर्न मिलता है।
सेबी ने हितधारकों के इस सुझाव पर विचार करने के बाद नियमों में आंशिक संशोधन किया है।