सोने का मूल्य बढ़ने पर श्रीधर वेम्बू का महत्वपूर्ण बयान: क्या है इसका अर्थ?
सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि
पिछले वर्ष में सोने ने निवेश के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया है। इसकी कीमतों में निरंतर वृद्धि ने निवेशकों के बीच उत्साह और सतर्कता दोनों को जन्म दिया है। वर्तमान में सोने के दाम ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुँच चुके हैं, जिससे यह चर्चा का केंद्र बन गया है। इसी संदर्भ में, जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने धनतेरस के अवसर पर सोने के महत्व पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।
वेम्बू का बयान एक्स पर
श्रीधर वेम्बू ने शनिवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया कि सोना पारंपरिक निवेश नहीं है, बल्कि यह वित्तीय जोखिमों के खिलाफ एक सुरक्षा कवच है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ते कर्ज के कारण वित्तीय प्रणाली पर भरोसा कमजोर हो सकता है, और ऐसे में सोना एक सुरक्षित विकल्प बनता है।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, 'मुझे नहीं लगता कि सोना एक निवेश है। मेरे अनुसार, यह वित्तीय जोखिमों से सुरक्षा का एक साधन है।' वेम्बू ने यह भी कहा कि आज की वैश्विक वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से विश्वास पर निर्भर है, लेकिन बढ़ते कर्ज के कारण यह विश्वास डगमगा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वैश्विक ऋण का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो आर्थिक अस्थिरता बढ़ेगी और उस समय सोना एक मजबूत सुरक्षा कवच साबित होगा।
धनतेरस पर सोने की खरीदारी
वेम्बू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में धनतेरस के अवसर पर सोने की खरीदारी की परंपरा जोरों पर है। भारतीय संस्कृति में सोना केवल धन और समृद्धि का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसे शुभ निवेश भी माना जाता है। इस दिन लाखों लोग गहनों, सिक्कों और बिस्किट के रूप में सोना खरीदते हैं।
सोने की कीमतों में 63% की वृद्धि
पिछले एक वर्ष में सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। पिछले धनतेरस पर 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग ₹78,840 थी, जो अब बढ़कर ₹1.30 लाख के करीब पहुँच गई है। इसका मतलब है कि यदि किसी ने पिछले वर्ष 1 लाख रुपये का निवेश सोने में किया होता, तो आज उसकी कीमत लगभग ₹1.63 लाख हो चुकी होती।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता बनी रही, तो सोना एक बार फिर निवेशकों की पहली पसंद बना रहेगा। वेम्बू के अनुसार, 'सोना केवल निवेश नहीं, बल्कि भरोसे की सुरक्षा है।'