सोने की कीमतों में गिरावट: निवेशकों के लिए क्या है सही समय?
सोने की कीमतों में गिरावट का विश्लेषण
हाल के दिनों में सोने की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आई है। अक्टूबर में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद, अब सोने का मूल्य लगभग 10 प्रतिशत गिर चुका है।
इस समय, एमसीएक्स पर गोल्ड फ्यूचर लगभग ₹1,31,000 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। लंबे समय तक तेजी के बाद यह गिरावट निवेशकों के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर रही है - क्या यह सोने में निवेश करने का सही समय है या मुनाफा निकालने का?
प्रॉफिट बुकिंग का दौर
अक्टूबर के मध्य तक सोने की कीमतों में 54% की वृद्धि हुई थी। जब कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं, तो बड़े निवेशकों और सोना उत्पादकों ने प्रॉफिट बुकिंग शुरू कर दी। संस्थागत निवेशकों की बिक्री ने बाजार पर दबाव डाला, जिससे सोने की कीमतें गिरने लगीं। यही कारण है कि अब कीमतों में लगभग 10 प्रतिशत की कमी देखी जा रही है।
इजरायल-हमास संघर्ष का प्रभाव
गाजा में इजरायल और हमास के बीच हुए युद्धविराम का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पष्ट रूप से देखा गया। सोना एक पारंपरिक 'सेफ हेवन' एसेट माना जाता है, जिसका मतलब है कि वैश्विक तनाव के समय इसकी मांग बढ़ जाती है। लेकिन जैसे ही युद्धविराम की घोषणा हुई और स्थिति सामान्य होने लगी, निवेशकों ने सुरक्षित निवेश से दूरी बनानी शुरू कर दी। इसका सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ा और बाजार में नरमी लौट आई।
सेंट्रल बैंकों की गोल्ड खरीदारी
हालांकि कीमतों में गिरावट आई है, फिर भी कई सेंट्रल बैंक सोने की खरीदारी में रुचि दिखा रहे हैं। इस वर्ष की तीसरी तिमाही में, केंद्रीय बैंकों ने लगभग 220 टन सोना खरीदा, जिसमें पोलैंड, भारत और उजबेकिस्तान प्रमुख खरीदार रहे। यह प्रवृत्ति इस बात का संकेत है कि देश डॉलर पर निर्भरता कम करते हुए सोने को रिजर्व एसेट के रूप में प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे दीर्घकाल में कीमतों को सहारा मिल सकता है।
घरेलू मांग में कमी
दशहरा और दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों के बाद, घरेलू बाजार में सोने की मांग में कमी आई है। रिपोर्टों के अनुसार, ज्वेलरी की मांग सालाना आधार पर लगभग 16% घट गई है। ग्राहक अब गोल्ड क्वाइन, ईटीएफ (Exchange Traded Funds) और सॉवरेन गोल्ड बॉंड जैसी आधुनिक निवेश विधियों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे भौतिक सोने की बिक्री पर सीधा असर पड़ा है और कीमतों में गिरावट देखी जा रही है।
निवेशकों के लिए विशेषज्ञों की सलाह
मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि जो निवेशक पहले से अच्छा रिटर्न प्राप्त कर चुके हैं, वे आंशिक प्रॉफिट बुकिंग कर सकते हैं। वहीं, जो दीर्घकाल के लिए सोच रहे हैं, उनके लिए यह गिरावट एक बेहतर एंट्री पॉइंट हो सकती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सोना खरीदने के बजाय ईटीएफ में एसआईपी या सॉवरेन गोल्ड बॉंड में निवेश करना इस समय अधिक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प हो सकता है।