सोने की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि: क्या 2026 में भी जारी रहेगी यह रफ्तार?
सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि
नई दिल्ली: साल के अंत में भी सोने की कीमतों में कोई कमी नहीं आ रही है। 24 कैरेट सोने का मूल्य 10 ग्राम के लिए 1.40 लाख रुपये तक पहुंच गया है, जिससे यह वर्ष गोल्ड मार्केट के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ बनता दिख रहा है। लगातार बढ़ती कीमतों ने निवेशकों और खरीदारों को चौंका दिया है।
यदि आंकड़ों पर गौर करें, तो साल की शुरुआत में 10 ग्राम सोने की कीमत 83,680 रुपये थी, जो अब धीरे-धीरे 1.5 लाख रुपये के करीब पहुंच रही है। इसका मतलब है कि 2025 में सोने की कीमतों में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
क्या 2026 में भी सोने की कीमतें बढ़ेंगी?
क्या 2026 में भी जारी रहेगी तेजी?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अगले वर्ष भी सोने की कीमतों में यह वृद्धि जारी रहेगी? जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का मानना है कि दिसंबर 2026 तक सोने की कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जो भारतीय बाजार में लगभग 1,58,485 रुपये प्रति 10 ग्राम के बराबर होगा।
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान क्या कहता है
गोल्डमैन सैक्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार, अगले वर्ष सोने की कीमतों में लगभग 36 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, और यह भी 5,000 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकता है। मौजूदा एक्सचेंज दर के अनुसार, यह कीमत लगभग 1,58,213 रुपये प्रति 10 ग्राम होगी। हालांकि, इसमें भारत में लगने वाले अतिरिक्त 3 प्रतिशत GST और स्टैंप ड्यूटी शामिल नहीं है।
सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण
क्यों रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा सोना?
सोने की कीमतों में आई इस अभूतपूर्व वृद्धि का मुख्य कारण वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव है। रूस-यूक्रेन युद्ध तीन साल से अधिक समय से जारी है और इसका कोई ठोस समाधान नहीं दिख रहा है। इसके अलावा, वेनेजुएला से कच्चे तेल की सप्लाई में संभावित रुकावट और अफ्रीका में ISIS से जुड़े संगठनों के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की खबरों ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
सोना: सुरक्षित निवेश का विकल्प
अनिश्चितता में सुरक्षित निवेश बना सोना
वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में, निवेशक जोखिम भरे एसेट्स जैसे इक्विटी से पैसा निकालकर सोने और चांदी जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि गोल्ड और सिल्वर की मांग तेजी से बढ़ी है, जिसका सीधा असर कीमतों पर पड़ा है।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी वजह
सोने की कीमतों में उछाल की एक और बड़ी वजह यह है कि बाजार को उम्मीद है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक अगले साल कम से कम दो बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। ब्याज दरें घटने पर निवेशक फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉंड और अन्य सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स से पैसा निकालकर ऐसे विकल्पों में निवेश करते हैं, जो लंबे समय तक वैल्यू बनाए रख सकें।
गोल्ड ETF और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी
गोल्ड ETF और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी
इसी कारण गोल्ड ETF में निवेश लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ ही, दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों ने भी सोने की खरीदारी तेज कर दी है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों को और समर्थन मिल रहा है।