सोशल मीडिया पर AI शिक्षा का नया विवाद: क्या तकनीक हमें दूर कर रही है?
सोशल मीडिया पर AI शिक्षा का नया विवाद
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर हाल ही में एक दिलचस्प और विचारणीय घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। एक वेब डेवलपर ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने दिखाया कि किस प्रकार उन्होंने Perplexity AI के नए ब्राउज़र ‘Comet’ की सहायता से Coursera पर एक ऑनलाइन कोर्स पूरा किया, जिसका विषय था “AI Ethics, Responsibility and Creativity” यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नैतिकता और ज़िम्मेदारी।
वीडियो में यह स्पष्ट होता है कि Comet ब्राउज़र अपने आप सवालों के उत्तर दे रहा है और धीरे-धीरे पूरा कोर्स समाप्त कर देता है। उपयोगकर्ता ने खुशी से ट्वीट किया, “बस अभी-अभी अपना Coursera कोर्स पूरा किया, शुक्रिया @Perplexity और @AravindSrinivas।”
लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती। इस ट्वीट के वायरल होने पर Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास ने खुद प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ऐसा बिल्कुल मत कीजिए।”
इसके बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने मजाक में कहा, “आपने तो फ्रेंकेंस्टीन का राक्षस बना दिया है, अब मैं भी अपने लैपटॉप में चाहता हूँ।” वहीं, कुछ ने चिंता व्यक्त की कि “अब शिक्षा का असली उद्देश्य ही खत्म हो गया है, सर्टिफिकेट तो Comet को ही दे दो।”
कई लोगों ने इसे शिक्षा प्रणाली के लिए एक चेतावनी बताया। उनका मानना था कि यदि AI इस तरह छात्रों की जगह खुद पढ़ाई करने लगेगा, तो भविष्य में ‘ज्ञान’ और ‘कौशल’ के बीच की वास्तविक समझ समाप्त हो जाएगी।
कुछ ने इस पर हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “भई, अब तो ऑनलाइन कोर्स भी ‘ऑटोमेटिक मोड’ में हो गए हैं!”
इस बहस के बीच एक और दिलचस्प तथ्य सामने आया, वह था खुद अरविंद श्रीनिवास की कहानी। चेन्नई के 31 वर्षीय श्रीनिवास इस समय भारत के सबसे युवा अरबपति हैं। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹21,190 करोड़ है।
IIT मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और अमेरिका से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी करने वाले श्रीनिवास, OpenAI, Google और DeepMind जैसी प्रमुख कंपनियों में काम कर चुके हैं। उन्होंने 2022 में अपने सहयोगियों Denis Yarats, Johnny Ho और Andy Konwinski के साथ मिलकर Perplexity AI की स्थापना की, और आज यह कंपनी दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते AI स्टार्टअप्स में से एक मानी जाती है।
उनका विकसित किया हुआ ‘Comet’ ब्राउज़र अब केवल एक सॉफ्टवेयर नहीं, बल्कि तकनीक बनाम नैतिकता की लड़ाई का प्रतीक बन गया है। यह एक उपयोगकर्ता के मजेदार वीडियो ने AI युग के सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न को फिर से जीवित कर दिया है: “क्या तकनीक हमारी मदद कर रही है, या हमें खुद से दूर कर रही है?”