हरियाणा में बारिश का अलर्ट: 18 जिलों में मूसलधार बारिश की चेतावनी
हरियाणा में बारिश का अलर्ट
हरियाणा मौसम चेतावनी: 18 जिलों में मूसलधार बारिश, किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी! हरियाणा में बारिश के लिए जारी अलर्ट ने किसानों और आम जनता को सतर्क कर दिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के 18 जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, चार अन्य जिलों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
गुरुवार को हिसार, फतेहाबाद और कुरुक्षेत्र जैसे क्षेत्रों में हल्की बारिश ने गर्मी से राहत दी, लेकिन इसका फसलों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। आइए, इस मौसम की स्थिति और इसके संभावित प्रभावों पर एक नज़र डालते हैं।
मूसलधार बारिश का येलो अलर्ट
हरियाणा में मानसून का आगमन हो चुका है। IMD के अनुसार, अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना है। गुरुवार को फतेहाबाद के टोहाना में हल्की बूंदाबांदी ने मौसम को ठंडा किया, लेकिन दिन में तेज धूप ने लोगों को परेशान किया।
हिसार में तापमान में थोड़ी वृद्धि देखी गई है। 18 जिलों में येलो अलर्ट के चलते प्रशासन ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है। बारिश के कारण धान की रोपाई प्रभावित हो रही है, जिससे किसान चिंतित हैं।
नदियों का जलस्तर और फसलों को नुकसान
पहाड़ों पर बारिश कम होने के कारण यमुना और घग्गर जैसी नदियों का जलस्तर घटा है। कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का टूटे तटबंध को ठीक कर लिया गया है, लेकिन इसके बावजूद 35 गांवों की फसलें पानी में डूब गई हैं।
सिंचाई विभाग के एसई आरएस मित्तल ने बताया कि सोम नदी का जलस्तर 2600 क्यूसेक है, जो सामान्य है। हालांकि, बाढ़ का खतरा 10,000 क्यूसेक पर माना जाता है। किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए जल निकासी की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।
किसानों के लिए आवश्यक सावधानियां
भारी बारिश के कारण खेतों में जलभराव का खतरा बढ़ गया है। कुरुक्षेत्र के जलबेहड़ा और नैसी गांवों में टूटे तटबंध के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे खेतों की निगरानी करें और जल निकासी के उपाय करें।
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। किसानों से अपील की गई है कि वे मौसम अपडेट्स पर ध्यान दें और फसलों की सुरक्षा के लिए तैयार रहें।
हरियाणा में बारिश के अलर्ट के चलते किसानों को सावधानी बरतनी होगी। प्रशासन और मौसम विभाग की सलाह का पालन करके नुकसान को कम किया जा सकता है।