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IPS नवनीत आनंद की प्रेरणादायक सफलता की कहानी

IPS नवनीत आनंद की कहानी एक प्रेरणा है, जिन्होंने अपने पिता की असमय मृत्यु के बाद भी हार नहीं मानी। उन्होंने कठिनाइयों का सामना करते हुए यूपीएससी 2023 में 499वीं रैंक हासिल की। जानें कैसे उन्होंने आत्म-अध्ययन और अनुशासन के बल पर सफलता प्राप्त की। यह कहानी न केवल प्रेरित करती है, बल्कि हमें यह भी सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने का हौसला कैसे बनाए रखना चाहिए।
 

एक प्रेरक यात्रा

आपने कई सफल व्यक्तियों की कहानियाँ सुनी होंगी, लेकिन कुछ जीवन की कठिनाइयाँ इतनी गहरी होती हैं कि वे न केवल प्रेरित करती हैं, बल्कि हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है IPS नवनीत आनंद की, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों को पार करते हुए यूपीएससी 2023 में 499वीं रैंक हासिल की और आईपीएस कैडर में सफलता प्राप्त की।


पिता की असमय मृत्यु और जिम्मेदारियों का बोझ

नवनीत आनंद की जिंदगी उस समय पूरी तरह बदल गई जब वे केवल सातवीं कक्षा में थे और उनके पिता का निधन हो गया। पिता की मृत्यु के बाद, परिवार की सारी जिम्मेदारियाँ नवनीत के कंधों पर आ गईं। लेकिन उन्होंने हालात से हार मानने के बजाय पढ़ाई और पारिवारिक जिम्मेदारियों को समान रूप से निभाया।


शिक्षा का सफर

नवनीत ने 2010 से 2017 तक राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित सैनिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने अनुशासन और आत्मनिर्भरता को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। इसके बाद, उन्होंने अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से सोशियोलॉजी में मास्टर्स किया। इसी समय उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी भी शुरू की।


कई परीक्षाओं में सफलता

नवनीत ने केवल यूपीएससी तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने CAPF, CDS, UGC NET जैसी कई प्रतियोगी परीक्षाएँ भी पास कीं। इन सफलताओं ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया, लेकिन उनका असली सपना UPSC परीक्षा को पास करना था।


तीसरे प्रयास में मिली सफलता

यूपीएससी के पहले दो प्रयासों में असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बिना कोचिंग के, आत्म-अध्ययन और अनुशासन के साथ तीसरे प्रयास की तैयारी की। संसाधनों की कमी, घर से दूरी और मानसिक दबाव के बावजूद नवनीत ने खुद को कमजोर नहीं होने दिया। 2023 में, तीसरे प्रयास में नवनीत ने 499वीं रैंक के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास की और अब वे आईपीएस अधिकारी बन गए हैं।