UGC का बड़ा फैसला: स्वास्थ्य और विज्ञान पाठ्यक्रम अब ऑनलाइन नहीं पढ़ाए जाएंगे
UGC Online Course Ban: स्वास्थ्य और विज्ञान पाठ्यक्रमों पर रोक
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
अब मनोविज्ञान, पोषण, जैव प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, खाद्य विज्ञान और नैदानिक आहार विज्ञान जैसे पाठ्यक्रमों को ऑनलाइन या ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) के माध्यम से पढ़ाने की अनुमति नहीं होगी। यह नया नियम जुलाई-अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। आइए, इस निर्णय के पीछे की पूरी कहानी पर नजर डालते हैं।
NCAHP अधिनियम 2021 के तहत लिया गया निर्णय
यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों को इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन (NCAHP) अधिनियम 2021 के तहत लिया गया है। यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने स्पष्ट किया कि अब किसी भी संस्थान को ऐसे पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
जिन संस्थानों को पहले से मान्यता प्राप्त थी, उनकी मान्यता भी रद्द कर दी जाएगी। यदि किसी कार्यक्रम में कई विशेषताएँ शामिल हैं, तो केवल वही हिस्से हटाए जाएंगे जो NCAHP अधिनियम के अंतर्गत आते हैं।
कुछ पाठ्यक्रम रहेंगे अपवाद
मनीष जोशी ने बताया कि बीए जैसे बहु-विशेषज्ञता वाले पाठ्यक्रम, जिनमें अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी, अर्थशास्त्र, इतिहास, गणित, लोक प्रशासन, दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान, सांख्यिकी, मानवाधिकार, संस्कृत, मनोविज्ञान, भूगोल, समाजशास्त्र और महिला अध्ययन जैसे विषय शामिल हैं,
उनमें से केवल NCAHP अधिनियम के तहत आने वाली विशेषताओं को ही हटाया जाएगा। अन्य विषयों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों पर पहले से है सख्ती
यूजीसी ने यह भी स्पष्ट किया कि इन पाठ्यक्रमों में अब नए दाखिले नहीं होंगे। इस कदम का उद्देश्य प्रोफेशनल और हेल्थकेयर प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बनाए रखना है। अप्रैल 2025 में हुई दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो की बैठक में इसकी सिफारिश की गई थी, जिसे हाल ही में यूजीसी की बैठक में मंजूरी मिली। उल्लेखनीय है कि यूजीसी पहले ही इंजीनियरिंग, चिकित्सा, नर्सिंग, वास्तुकला और कानून जैसे प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों को ऑनलाइन या डिस्टेंस मोड में पढ़ाने पर रोक लगा चुका है।