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अंतरराष्ट्रीय पर्पल फेस्ट में दिव्यांगजनों के लिए नई पहलों का शुभारंभ

अंतरराष्ट्रीय पर्पल फेस्ट के दूसरे दिन, दिव्यांगजनों के लिए श्रवण, पठन और लेखन में सुगमता को बढ़ावा देने वाली तीन महत्वपूर्ण पहलों का उद्घाटन किया गया। भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव ने इन पहलों का शुभारंभ किया, जो समावेशी शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इनमें आईईएलटीएस ट्रेनिंग हैंडबुक, ISLRTC द्वारा कौशल प्रशिक्षण पहल और ASL/BSL प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। ये पहल दिव्यांगजनों को वैश्विक शिक्षा और पेशेवर अवसरों में भागीदारी के लिए सशक्त बनाएंगी।
 

दिव्यांगजनों के लिए सुगमता बढ़ाने की पहल

गोवा: अंतरराष्ट्रीय पर्पल फेस्ट के दूसरे दिन, दिव्यांगजनों के लिए श्रवण, पठन और लेखन में सुगमता को बढ़ावा देने वाली तीन महत्वपूर्ण पहलों का उद्घाटन किया गया। यह कदम समावेशी शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इन पहलों का उद्घाटन भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर कई अन्य प्रमुख व्यक्ति भी उपस्थित थे, जिनमें श्री ताहा हाज़िक, सचिव, SCPD गोवा, और श्रीमती ऋचा शंकर शामिल हैं। ये पहलें सरकार की एक समावेशी और बाधा-मुक्त शिक्षण प्रणाली के निर्माण की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जिससे दिव्यांगजन वैश्विक शिक्षा और पेशेवर अवसरों में पूरी तरह से भाग ले सकें।


पहली पहल ‘आईईएलटीएस ट्रेनिंग हैंडबुक फॉर पर्सन्स विद डिसएबिलिटीज’ का शुभारंभ था, जिसे बिलीव इन द इनविजिबल (BITI) ने DEPwD के सहयोग से विकसित किया है। यह हैंडबुक, जिसे ब्रिटिश काउंसिल द्वारा प्रमाणित आईईएलटीएस ट्रेनर अंजलि व्यास ने लिखा है, दिव्यांगजनों के लिए आईईएलटीएस की तैयारी को सरल और सुलभ बनाने का उद्देश्य रखती है। यह प्रकाशन विद्यार्थियों के लिए स्व-अध्ययन मार्गदर्शिका और प्रशिक्षकों के लिए शिक्षण मैनुअल दोनों के रूप में कार्य करता है। इसमें दृष्टि, श्रवण, गतिशीलता और अन्य दिव्यांगताओं से संबंधित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए विशेष सुविधाएं और अनुकूलित रणनीतियाँ शामिल की गई हैं।


दूसरी महत्वपूर्ण घोषणा भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC) द्वारा की गई, जिसने DEPwD की कौशल प्रशिक्षण पहल के तहत ‘रिसग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (RPL) – सर्टिफिकेशन इन ISL इंटरप्रिटेशन (CISLI)’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कोर्स में भारत के विभिन्न हिस्सों से 17 प्रतिभागियों ने भाग लिया और सभी ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया। इस बैच को प्रमाण पत्र वितरण समारोह 3 दिसंबर 2025 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर आयोजित किया जाएगा।


ISLRTC ने अमेरिकन सांकेतिक भाषा (ASL) और ब्रिटिश सांकेतिक भाषा (BSL) पर एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी घोषणा की है। यह एक महीने का ऑफलाइन कार्यक्रम 3 दिसंबर 2025 से शुरू होगा, जिसका उद्देश्य ISL पेशेवरों को ASL और BSL की मूलभूत जानकारी से अवगत कराना है। यह पहल ISLRTC की भूमिका को सशक्त बनाएगी और भारतीय संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करेगी।


इन तीनों पहलों का उद्देश्य एक ऐसा समावेशी और सशक्त मार्ग बनाना है, जिससे दिव्यांगजन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीख सकें, संवाद कर सकें और उन्नति कर सकें।