छात्रों का आंदोलन हिसार: 70% फेल, विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप
छात्र आंदोलन हिसार: विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ गुस्सा
छात्रों का आंदोलन हिसार में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में जारी है। यह आंदोलन अब 18वें दिन में प्रवेश कर चुका है। अंतिम सेमेस्टर के परिणामों में 70% छात्रों के फेल होने और विश्वविद्यालय प्रशासन की कथित मनमानी के खिलाफ छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। पानी और मेस की सुविधाओं को बंद करने जैसे कदमों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि 1 जुलाई तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो 2 जुलाई से विश्वविद्यालय और सभी KVK को बंद कर दिया जाएगा।
70% छात्रों का फेल होना: प्रशासन पर उठे सवाल
23 जून को अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं समाप्त होने के केवल तीन दिन बाद विश्वविद्यालय ने परिणाम घोषित कर दिए, जिसमें 70% छात्र फेल हो गए। छात्रों का आरोप है कि प्रशासन ने जल्दबाजी में परिणाम जारी कर उन्हें दबाव में लाने का प्रयास किया। इतनी जल्दी परिणाम तैयार करना संदेह पैदा करता है और छात्रों का मानना है कि यह प्रशासन की नाकामी और जानबूझकर की गई साजिश है।
प्रशासन की सख्ती: पानी और मेस की सुविधाएं बंद
विश्वविद्यालय प्रशासन ने आंदोलन को दबाने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। हॉस्टल में पानी की सप्लाई बंद कर दी गई है और मेस की सुविधाएं भी समाप्त कर दी गई हैं, जिससे छात्रों को भोजन के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन ने छात्राओं को हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। नाराज छात्राओं ने पुलिस को बुलाया, जिसके बाद उन्हें भोजन मिल सका। यह कदम प्रशासन की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
छात्रों की मांगें और चेतावनी: 2 जुलाई की समयसीमा
छात्रों की मांगें स्पष्ट हैं। वे स्कॉलरशिप में कटौती वापस लेने, कुलपति को हटाने और लाठीचार्ज के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। 10 जून को हुए लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हुए थे। शिक्षा मंत्री से बातचीत में कुलपति को 6 महीने की छुट्टी पर भेजने पर सहमति बनी, लेकिन छात्रों को लिखित आदेश की आवश्यकता है। यदि 1 जुलाई तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो 2 जुलाई से विश्वविद्यालय और सभी KVK बंद कर दिए जाएंगे। यह आंदोलन अब एक जन-आंदोलन का रूप ले चुका है।