जर्मनी में अध्ययन के लिए भारतीय छात्रों के लिए 5 महत्वपूर्ण प्रश्न
जर्मनी में अध्ययन का बढ़ता आकर्षण
नई दिल्ली: जर्मनी अब भारतीय छात्रों के लिए एक प्रमुख शैक्षणिक गंतव्य बन चुका है। अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में सख्त इमिग्रेशन नियमों के कारण, जर्मनी में प्रवेश लेना एक सरल और आकर्षक विकल्प बन गया है। वर्तमान में लगभग 50,000 भारतीय छात्र यहां अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश मास्टर्स डिग्री के लिए हैं। हालांकि, जर्मनी की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी नहीं होने के कारण कई छात्रों को संदेह होता है।
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न
पढ़ाई के बाद नौकरी की संभावनाएं, भाषा की आवश्यकता और विश्वविद्यालय में आवेदन की प्रक्रिया से संबंधित प्रश्न अक्सर छात्रों को चिंतित करते हैं। आज हम आपके लिए 5 महत्वपूर्ण सवालों के उत्तर प्रस्तुत कर रहे हैं।
क्या जर्मनी में मुफ्त शिक्षा संभव है?
सरकारी विश्वविद्यालयों में बैचलर्स की पढ़ाई बिना ट्यूशन फीस के होती है। मास्टर्स के लिए कुछ सौ यूरो की सेमेस्टर फीस का भुगतान करना पड़ सकता है। निजी विश्वविद्यालयों में फीस अधिक होती है, इसलिए सही विश्वविद्यालय और पाठ्यक्रम का चयन करना आवश्यक है।
क्या जर्मन भाषा जानना आवश्यक है?
कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी में पढ़ाई संभव है, इसलिए पूरी तरह से जर्मन भाषा जानना अनिवार्य नहीं है। लेकिन, कम से कम बुनियादी जर्मन सीखना फायदेमंद होगा, क्योंकि यह दैनिक जीवन और सामाजिक इंटरैक्शन में मदद करेगा।
यूनिवर्सिटी में आवेदन कैसे करें?
अधिकतर विश्वविद्यालयों की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इंटरनेशनल ऑफिस विदेशी छात्रों की सहायता करता है। आवेदन में शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, फोटो और भाषा दक्षता के प्रमाण की आवश्यकता हो सकती है।
क्या पढ़ाई के दौरान नौकरी कर सकते हैं?
EU के बाहर के छात्र साल में 120 दिन फुल-टाइम या 240 दिन हाफ-टाइम काम कर सकते हैं। इससे अधिक काम करने के लिए अलग वर्क परमिट की आवश्यकता होती है। पार्ट-टाइम नौकरी से दैनिक खर्चों को चलाना संभव है।
डिग्री के बाद नौकरी की सुविधा
डिग्री प्राप्त करने के बाद 18 महीने तक नौकरी खोजने के लिए रेजिडेंस परमिट मिलता है। नौकरी मिलने पर वर्क परमिट प्राप्त किया जा सकता है। रेजिडेंस परमिट यह दर्शाता है कि छात्र देश में कानूनी रूप से रह सकता है।