फतेहबाद का केंद्रीय विद्यालय: डिजिटल शिक्षा का नया मापदंड
स्मार्ट शिक्षा का युग
फतेहबाद का केंद्रीय विद्यालय, बड़ोपल: आज के तकनीकी युग में शिक्षा को भी स्मार्ट बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। फतेहबाद के बड़ोपल गांव का केंद्रीय विद्यालय इस दिशा में एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह जिले का पहला स्कूल है, जो पूरी तरह से डिजिटल है, जहां पहली से लेकर 10वीं कक्षा तक सभी कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड (इंटरएक्टिव पैनल) स्थापित किए गए हैं। पारंपरिक ब्लैकबोर्ड की जगह अब स्मार्ट बोर्ड ने ले ली है। यहां बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को एक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है, जो कक्षा 6 से लेकर सेकंडरी स्तर तक अनिवार्य है। हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे सभी विषय अब ऑनलाइन और डिजिटल तरीके से पढ़ाए जा रहे हैं।
इंटरएक्टिव पैनल की विशेषताएँ
इंटरएक्टिव पैनल का कमाल
केंद्रीय विद्यालय में स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से पढ़ाई को और भी रोचक बनाया गया है। ये इंटरएक्टिव पैनल छात्रों को सक्रिय रूप से शामिल करते हैं और कक्षाओं को मजेदार बनाते हैं। शिक्षक पाठ योजना के अनुसार पीपीटी, पीडीएफ, वीडियो और क्विज तैयार करते हैं। छात्र पैनल पर सवाल हल करते हैं, ड्रैग-एंड-ड्रॉप गतिविधियों में भाग लेते हैं और क्विज में शामिल होते हैं। चित्र, स्लाइड, एनिमेशन और वीडियो के माध्यम से पढ़ाई को सरल और समझने योग्य बनाया जाता है। हर पाठ के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र और समीक्षा से छात्रों का ज्ञान और मजबूत होता है।
स्मार्ट क्लासरूम की लागत
20 लाख की लागत से स्मार्ट क्लासरूम
स्कूल की सभी कक्षाओं को स्मार्ट बनाने के लिए लगभग 20 लाख रुपये खर्च कर इंटरएक्टिव पैनल स्थापित किए गए हैं। 21 अगस्त 2025 से इन ई-पैनल्स पर पढ़ाई शुरू हो चुकी है। इन पैनल्स में डिजिटल व्हाइटबोर्ड, पेन, हाइलाइटर, स्क्रीनशॉट और स्क्रीन रिकॉर्डिंग जैसे उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा, एमएस पॉवरपॉइंट, वर्ड, एक्सल, पीडीएफ रीडर, गूगल वर्कस्पेस, दीक्षा ऐप, ई-पाठशाला, क्विज और यूट्यूब जैसे ऐप्स भी उपलब्ध हैं। इनकी मदद से छात्रों को गणित, विज्ञान और अन्य विषयों को वीडियो, एनिमेशन और गेम के माध्यम से पढ़ाया जाता है।
सुरक्षा के लिए सीसीटीवी निगरानी
सीसीटीवी से पूरी सुरक्षा
केंद्रीय विद्यालय का पूरा परिसर सीसीटीवी की निगरानी में है। कक्षाओं से लेकर गैलरी, खेल मैदान, मुख्य गेट और प्राचार्य कार्यालय तक, हर स्थान पर नजर रखी जा रही है। छात्रों और स्टाफ की हर गतिविधि को सीसीटीवी के माध्यम से मॉनिटर किया जाता है, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। प्राचार्य अश्विनी कुमार का कहना है कि वैश्विक स्तर पर स्मार्ट शिक्षा का दौर चल रहा है, और केंद्रीय विद्यालय बच्चों को इसका लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है।