बच्चों की तुलना से बचें: विशेषज्ञ की सलाह
बच्चों की तुलना से क्या होता है?
Parenting Tips: कई बच्चे अपने घर में अक्सर तुलना का सामना करते हैं, चाहे वह बड़े भाई-बहनों से हो या पड़ोस के बच्चों से। इस तुलना के कारण बच्चे अपने माता-पिता से दूर हो सकते हैं। कई माता-पिता अपने बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर दूसरों से तुलना करते हैं, लेकिन यह नहीं समझते कि इसका बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है। बच्चे कैसे महसूस करते हैं और उनके मन में क्या चलता है, यह जानना जरूरी है। आइए जानते हैं विशेषज्ञ रवी मलिक से कि यह आदत बच्चों के स्वभाव पर कैसे असर डाल सकती है।
कभी न करें बच्चों की तुलना
विशेषज्ञ रवी मलिक के अनुसार, यदि आप अपने बच्चे की तुलना दूसरों से करते हैं, तो इससे उनका आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है। इससे उनकी आत्म-सम्मान में कमी आती है और बच्चे इम्पोस्टर सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं। यह बच्चों की मानसिक सेहत के लिए हानिकारक है। इसके अलावा, बच्चे असफलता का डर और चिंता का सामना कर सकते हैं, जिससे उनकी सीखने की इच्छा खत्म हो जाती है।
बच्चों को प्रोत्साहित करें
विशेषज्ञ का कहना है कि बच्चों को उनकी छोटी-छोटी सफलताओं पर सराहना करनी चाहिए। चाहे बच्चा कितना भी छोटा काम करे, उसे प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वह अपनी कोशिशों में और सुधार कर सके। यदि बच्चा शैतानी कर रहा है, तो उसे प्यार से समझाना चाहिए, क्योंकि बच्चों को डांटने की बजाय प्यार की भाषा अधिक समझ में आती है।
हर बच्चे का अपना कंफर्ट एरिया होता है
माता-पिता को यह समझना चाहिए कि हर बच्चे का अपना एक कंफर्ट एरिया होता है। कुछ बच्चे डांस में अच्छे होते हैं, जबकि कुछ गाने, पेंटिंग या गणित में। इसलिए, किसी भी बच्चे की तुलना नहीं करनी चाहिए।