राजकीय स्कूलों में यूडाइस पंजीकरण में समस्याएं, शिक्षकों को हो रही कठिनाई
अंबाला में विद्यार्थियों का पंजीकरण संकट
अंबाला। राजकीय स्कूलों में कई छात्रों का डेटा यूडाइस पोर्टल पर सही तरीके से पंजीकृत नहीं हो पा रहा है। इन विद्यार्थियों का डेटा एमआईएस पर तो पंजीकृत हो रहा है, लेकिन यूडाइस पर पंजीकरण में समस्याएं आ रही हैं। इससे शिक्षकों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पंजीकरण में आ रही समस्याओं का कारण
यह समस्या मुख्य रूप से उन विद्यार्थियों के लिए उत्पन्न हो रही है जो अन्य राज्यों से आए हैं। ऐसे छात्रों को दूसरे राज्यों के स्कूलों से पोर्टल से मुक्त नहीं किया जा रहा है, क्योंकि उनकी फीस लंबित है।
इस स्थिति में राजकीय स्कूलों के शिक्षक परेशान हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार यूडाइस के आंकड़ों के आधार पर ही ग्रांट प्रदान करती है। इसमें 1 से 51 बच्चों पर 12,500, 51 से 100 बच्चों पर 25,000 और 101 से अधिक बच्चों पर 50,000 की ग्रांट मिलती है।
MIS और UDIS के आंकड़ों में अंतर
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अमित छाबड़ा ने बताया कि राजकीय स्कूलों में यह समस्या बढ़ रही है। कई छात्रों का डेटा यूडाइस पोर्टल पर नहीं जा रहा है। कुछ बच्चों के पास परिवार पहचान पत्र न होने के कारण उनका डेटा एमआईएस पर भी नहीं चढ़ता। इसके अलावा, कई विद्यार्थियों का डेटा यूडाइस पर इसलिए नहीं जा रहा क्योंकि उन्हें दूसरे राज्यों के स्कूलों से मुक्त नहीं किया गया है।
अंबाला के जिला शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा ने बताया कि राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों का डेटा एमआईएस और यूडाइस पोर्टल पर चढ़ाया जाता है। इन पोर्टलों के आधार पर ही छात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है।
केंद्र सरकार की कई ग्रांट यूडाइस के आंकड़ों के अनुसार ही मिलती हैं, लेकिन जब दूसरे राज्यों के विद्यार्थी पोर्टल पर पंजीकृत नहीं होते, तो यह ग्रांट भी उन राज्यों को मिलती है। विभाग द्वारा एमआईएस और यूडाइस के आंकड़ों के मिलान पर जोर दिया जाता है, लेकिन इस कारण आंकड़ों में अंतर उत्पन्न हो रहा है।