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शिक्षकों ने टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की

महराजगंज में शिक्षकों ने टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग को लेकर कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। एससीएसटी बेसिक टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देते हुए कहा कि पहले से नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता अनुचित है। जानें इस मुद्दे पर उनके तर्क और प्रदर्शन की पूरी कहानी।
 

टीईटी की अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन

महराजगंज :: परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों ने टीईटी की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग को लेकर मंगलवार को एससीएसटी बेसिक टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों के साथ कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा।

संगठन के नेताओं ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इस अधिनियम की अधिसूचना से पहले नियुक्त शिक्षकों को न्यूनतम योग्यता प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए, पहले से कार्यरत शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता उचित नहीं है।

इस प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश उपाध्यक्ष रामचंद्र कन्नौजिया, प्रदेश सचिव हरेराम गौतम, प्रदेश संगठन मंत्री विजेंद्र कुमार कन्नौजिया, जिलाध्यक्ष रामदुलारे और कोषाध्यक्ष विनोद कुमार ने किया।

इस अवसर पर नागेंद्र प्रसाद, बैजनाथ प्रसाद, सतीश कुमार, राजेश कुमार, धीरेन्द्र पाल, जैनेन्द्र, अनिरुद्ध, राजीव, सतीश, मुकेश, रामेश्वर, अर्जुन सहित कई अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे।