×

सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2025 के परिणामों पर रोक लगाने की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2025 के संशोधित परिणामों और काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने फाइनल आंसर-की में त्रुटियों का आरोप लगाया था, लेकिन अदालत ने व्यक्तिगत मामलों में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। इस निर्णय के बाद, छात्रों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया अब बिना किसी संदेह के आगे बढ़ेगी।
 

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज नीट यूजी 2025 के संशोधित परिणामों और काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और आर. महादेवन की अवकाश पीठ ने एक छात्र द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से मना कर दिया, जिसमें फाइनल आंसर-की में गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया था।


परीक्षा में शामिल छात्र शिवम गांधी रैना ने अपनी याचिका में कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा जारी फाइनल आंसर-की में तीन प्रश्नों के उत्तर गलत थे। याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि गलत उत्तरों के कारण कई छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है, और यह केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है। उन्होंने 2024 के एक मामले का भी उल्लेख किया, जिसमें शीर्ष अदालत ने हस्तक्षेप करते हुए आईआईटी दिल्ली की विशेषज्ञ रिपोर्ट के आधार पर परिणामों में संशोधन का आदेश दिया था।


याचिकाकर्ता की दलीलों पर जस्टिस नरसिम्हा ने कहा, "हम व्यक्तिगत परीक्षाओं से नहीं निपट सकते।" पीठ ने यह भी कहा कि इसी तरह का एक मामला दो दिन पहले भी खारिज किया गया था। जब वकील ने आंसर-की में स्पष्ट त्रुटि की बात की, तो जस्टिस नरसिम्हा ने कहा, "आप सैद्धांतिक रूप से सही हो सकते हैं कि कई सही उत्तर हो सकते हैं," लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में किसी व्यक्तिगत मामले के आधार पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।


पीठ ने अपना रुख बदलने से इनकार करते हुए कहा, "ठीक है, धन्यवाद," और याचिका पर विचार करने से मना कर दिया। याचिकाकर्ता ने विशेष रूप से प्रश्न संख्या 136 (कोड संख्या 47) के उत्तर में गलती का आरोप लगाया था। इस निर्णय के साथ, नीट यूजी 2025 के घोषित परिणामों और आगामी काउंसलिंग प्रक्रिया पर बना संदेह समाप्त हो गया है।