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Loksabha Election 2024: बसपा 'धर्मसंकट' में फंसी, कई सीटों पर 'अपनों' से मुकाबला

चंबल प्रदेश की मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार तय हुए करीब एक महीना हो गया है, लेकिन अभी भी चुनावी माहौल नहीं बन पा रहा है.
 

Loksabha Election 2024: चंबल प्रदेश की मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार तय हुए करीब एक महीना हो गया है, लेकिन अभी भी चुनावी माहौल नहीं बन पा रहा है. क्योंकि कांग्रेस और बसपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार तय नहीं किये हैं. अच्छे उम्मीदवार की तलाश में जुटी कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी दिक्कत बसपा से है. पिछले डेढ़ दशक से ऐसा हो रहा है कि कांग्रेस को करीबी मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ रहा है. पिछले तीन चुनावों से ऐसा हो रहा है कि बसपा कांग्रेस की जीत में बाधक बनती है, इससे कैसे पार पाया जाए? कांग्रेस इसी मंथन में जुटी है. वहीं मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा वोट बैंक वाले इस क्षेत्र से बसपा की नजर कांग्रेस उम्मीदवार पर है, इसीलिए यहां उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है.

मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट पर पिछले 33 साल और सात चुनावों से बीजेपी का कब्जा है. 1991 में कांग्रेस के बरेईलाल जाटव ने यह सीट जीती, उसके बाद से कोई भी कांग्रेसी नेता मुरैना से संसद तक का सफर नहीं तय कर सका. बीजेपी के साथ-साथ बीएसपी भी कांग्रेस को इस सूखे को खत्म करने में फेल कर रही है.

क्योंकि मुरैना-श्योपुर सीट पर बसपा प्रत्याशी तभी आगे आता है जब कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में उतरता है। यदि बसपा पहले अपना प्रत्याशी घोषित करती है तो कांग्रेस का प्रत्याशी आगे आता है, बसपा भी अपना प्रत्याशी बदल देती है, जिससे कांग्रेस के वोट कम होते हैं और भाजपा को फायदा होता है।

इस बार भी स्थिति वैसी ही है. बसपा इंतजार करो और देखो की स्थिति में है और कांग्रेस उम्मीदवार के सामने आने के बाद ही हाथी अपने महावत के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे। इस बार कांग्रेस ने मुरैना के अलावा ग्वालियर, भिंड और भोपाल के कुछ नेताओं को मंथन कर इस भ्रम को तोड़ने के रास्ते ढूंढने को कहा है.