120 बहादुर: एक इमोशनल वॉर ड्रामा की समीक्षा
फिल्म '120 बहादुर' एक भावनात्मक युद्ध ड्रामा है, जो मेजर शैतान सिंह भाटी और उनके 120 सैनिकों की अद्वितीय बहादुरी को दर्शाता है। यह फिल्म 1962 के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि में स्थापित है और दर्शकों को एक गहन अनुभव प्रदान करती है। अमिताभ बच्चन की आवाज़ से शुरू होकर, यह फिल्म सैनिकों की व्यक्तिगत कहानियों और उनके बलिदान को उजागर करती है। दूसरे हाफ में युद्ध के दृश्य दर्शकों को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हैं। इस फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और परफॉर्मेंस इसे एक अनूठा अनुभव बनाते हैं।
Nov 20, 2025, 11:19 IST
120 बहादुर: एक अद्वितीय श्रद्धांजलि
फिल्म '120 बहादुर' हाल के वर्षों में एक प्रभावशाली और भावनात्मक युद्ध ड्रामा है, जो मेजर शैतान सिंह भाटी और चार्ली कंपनी के 120 सैनिकों को समर्पित है। यह फिल्म 18 नवंबर, 1962 को रेजांग ला की प्रसिद्ध लड़ाई की याद दिलाती है, जिसमें इन बहादुर सैनिकों ने अद्वितीय साहस का परिचय दिया। यह केवल एक युद्ध की कहानी नहीं है, बल्कि उस बलिदान का सम्मान करती है जो भारत की दृढ़ता और साहस का प्रतीक बन गया है।
फिल्म की शुरुआत
फिल्म की शुरुआत अमिताभ बच्चन के प्रभावशाली वॉयसओवर से होती है, जो 1960 के दशक के राजनीतिक माहौल और भारत-चीन युद्ध के कारणों पर प्रकाश डालते हैं। उनकी आवाज़ कहानी के लिए एक मजबूत आधार तैयार करती है, जो भारतीय सैन्य इतिहास के एक महत्वपूर्ण क्षण को दर्शाती है।
पहला हाफ: धीमा लेकिन प्रभावशाली
पहला हाफ रेडियो ऑपरेटर रामचंदर यादव की यादों से शुरू होता है, जिसे स्पर्श वालिया ने निभाया है। उनकी यादें दर्शकों को लद्दाख के बर्फ़ीले इलाकों में ले जाती हैं, जहां चार्ली कंपनी के 120 सैनिक तैनात थे। फिल्म का प्रारंभिक भाग मेजर शैतान सिंह पर केंद्रित है, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, यह 120 निडर योद्धाओं की सामूहिक कहानी बन जाती है।
दूसरे हाफ में फिल्म की रफ्तार
दूसरे हाफ में, जब कहानी युद्ध के मैदान में प्रवेश करती है, तो फिल्म अपनी असली गति और ऊर्जा प्राप्त करती है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच की टक्कर दर्शकों को एक नई ऊंचाई पर ले जाती है। युद्ध के दृश्य गहन और भावनात्मक हैं, जो दर्शकों को उस समय की गंभीरता का अनुभव कराते हैं।
सिनेमैटोग्राफी की विशेषताएँ
फिल्म की असली ताकत इसकी सिनेमैटोग्राफी में है। टेटसुओ नागाटा की सिनेमैटोग्राफी लद्दाख की ठंड और सुनसान पहाड़ों को इस तरह प्रस्तुत करती है कि दर्शक उन हालात में खुद को महसूस करते हैं।
परफॉर्मेंस की समीक्षा
फरहान अख्तर ने मेजर शैतान सिंह भाटी के रूप में एक शानदार प्रदर्शन दिया है, जो एक प्रेरणादायक लीडर का किरदार निभाते हैं। स्पर्श वालिया ने रामचंदर यादव के रूप में एक भावनात्मक एंकर का काम किया है। राशि खन्ना और विवान भथेना ने भी अपने-अपने किरदारों में गहराई और ईमानदारी दिखाई है।
निर्देशन और लेखन
राजनीश 'राज़ी' घई का निर्देशन और राजीव जी. मेनन की लेखन शैली फिल्म को एक वास्तविकता प्रदान करती है। असली स्थानों पर शूटिंग करने का निर्णय इसे और भी प्रभावशाली बनाता है।
अंतिम विचार
'120 बहादुर' केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि यह मेजर शैतान सिंह भाटी और उनके 120 सैनिकों की बहादुरी को सलाम करती है। यह एक गहरा और प्रभावशाली अनुभव है, जिसे हर भारतीय को देखना चाहिए।
फिल्म की जानकारी
मूवी का नाम: 120 बहादुर
क्रिटिक्स रेटिंग: 4/5
रिलीज़ डेट: 21 नवंबर, 2025
डायरेक्टर: रजनीश घई
जॉनर: वॉर-ड्रामा