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2006 मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सभी दोषियों को बरी किया गया

मुंबई हाईकोर्ट ने 2006 के लोकल ट्रेन विस्फोट मामले में सभी 12 दोषियों को बरी कर दिया है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से सवाल उठाते हुए कहा कि निर्दोष लोगों को जेल में डालने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। ओवैसी ने यह भी बताया कि ये लोग पिछले 17 सालों से जेल में हैं और उनके जीवन का स्वर्णिम काल बर्बाद हो गया है। इस मामले में 189 लोगों की जान गई थी और 824 लोग घायल हुए थे। ओवैसी ने परिवारों के दुख और न्याय की कमी पर भी प्रकाश डाला।
 

2006 मुंबई ट्रेन विस्फोट मामला

2006 के मुंबई लोकल ट्रेन विस्फोट मामले में: मुंबई हाईकोर्ट ने सभी 12 दोषियों की सजा को रद्द कर दिया है। एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से सवाल उठाया है कि क्या महाराष्ट्र एटीएस के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने निर्दोष लोगों को जेल में डाल दिया। ओवैसी ने कहा कि जब निर्दोष लोग वर्षों बाद रिहा होते हैं, तब उनके जीवन का सुनहरा समय बीत चुका होता है। पहले, निचली अदालत ने सभी 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिनमें से 5 को फांसी और 7 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। लेकिन अब हाईकोर्ट ने उन्हें निर्दोष करार दिया है। इनमें से एक आरोपी की 2022 में जेल में ही मृत्यु हो गई थी।


सोशल मीडिया पर ओवैसी का बयान

सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि निर्दोष लोगों को जेल में डाल दिया जाता है और जब वे वर्षों बाद रिहा होते हैं, तो उनके जीवन को फिर से संवारने का कोई अवसर नहीं होता। ये लोग पिछले 17 सालों से जेल में हैं और एक दिन भी बाहर नहीं आए। उन्होंने कहा कि उनका अधिकांश स्वर्णिम काल बीत चुका है।


पुलिस के रवैये पर सवाल

ओवैसी ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में, जब जनता का गुस्सा होता है, पुलिस का व्यवहार हमेशा एक जैसा होता है। वे पहले ही दोष मान लेते हैं और बाद में मुकर जाते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और मीडिया की रिपोर्टिंग के आधार पर व्यक्ति के अपराध का फैसला करते हैं। ओवैसी ने कहा कि कई आतंकवादी मामलों में जांच एजेंसियों ने निराश किया है।


जेल में बर्बाद हुआ जीवन

उनका स्वर्णिम जीवन जेल में बर्बाद हो गया-ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि 12 मुसलमान 18 साल से जेल में हैं, जबकि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया। उनका स्वर्णिम जीवन जेल में बर्बाद हो गया। उन्होंने कहा कि मुंबई लोकल ट्रेन विस्फोट में 180 परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया और कई लोग घायल हुए, लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है।


परिवारों का दुख

निर्दोषों ने अपने अपनों को खो दिया-एआईएमआईएम प्रमुख

ओवैसी ने कहा कि दोषी ठहराए गए 12 लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। उन्होंने बताया कि फैसल और मुज़म्मिल दोनों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिससे उनके पिता को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई। उनकी माँ का भी 2023 में निधन हो गया। ओवैसी ने कहा कि मोहम्मद मजीद बारी की पत्नी अपने पति से अंतिम बातचीत किए बिना ही चल बसीं।


2006 मुंबई लोकल ट्रेन विस्फोट

मुंबई लोकल ट्रेन विस्फोट

2006 में मुंबई लोकल ट्रेन में 7 स्थानों पर बम विस्फोट हुए थे, जिसमें 189 लोगों की जान गई और 824 लोग घायल हुए थे। इस मामले की सुनवाई के बाद 2015 में विशेष अदालत ने 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिनमें से 5 को फांसी और 7 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अब हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।