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Danish Kaneria ने भारतीय नागरिकता की अफवाहों पर लगाई मुहर, कहा- 'पाकिस्तान मेरी जन्मभूमि है'

पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर Danish Kaneria ने भारतीय नागरिकता लेने की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा है कि पाकिस्तान उनकी जन्मभूमि है, जबकि भारत उनकी मातृभूमि है। उन्होंने पीसीबी द्वारा भेदभाव का सामना करने की बात भी की और अपने धर्म के प्रति अपनी आस्था को स्पष्ट किया। जानें उनके बयान के पीछे की सच्चाई और उनके विचारों का महत्व।
 

Danish Kaneria का स्पष्ट बयान

Danish Kaneria: पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने शनिवार को स्पष्ट किया कि वे भारतीय नागरिकता लेने का कोई इरादा नहीं रखते हैं। यह बयान उन अटकलों को समाप्त करता है, जिनमें कहा गया था कि उनकी भारत के प्रति सकारात्मक टिप्पणियाँ इसी उद्देश्य से प्रेरित हैं।


पाकिस्तान में भेदभाव का अनुभव

कनेरिया ने कई मौकों पर कहा है कि उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा भेदभाव का सामना करना पड़ा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान उनकी जन्मभूमि है, जबकि भारत उनकी मातृभूमि है। उन्होंने कहा कि हाल ही में कई लोगों ने मुझसे पूछा कि मैं पाकिस्तान के बारे में क्यों नहीं बोलता और भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी क्यों करता हूँ। कुछ लोगों ने तो यह भी आरोप लगाया कि मैं यह सब भारतीय नागरिकता पाने के लिए कर रहा हूँ। इसलिए, सच्चाई को स्पष्ट करना आवश्यक है।


पीसीबी के साथ भेदभाव

कनेरिया ने दोहराया कि पीसीबी ने उनके साथ भेदभाव और अनुचित व्यवहार किया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान और उसके लोगों से मुझे बहुत कुछ मिला है, खासकर जनता का प्यार। लेकिन उस प्यार के साथ-साथ मुझे अधिकारियों और पीसीबी से गहरे भेदभाव का सामना करना पड़ा, जिसमें जबरन धर्मांतरण के प्रयास भी शामिल हैं।”


भारतीय नागरिकता पर स्पष्टता

कनेरिया ने कहा कि भारत और उसकी नागरिकता के बारे में मैं स्पष्ट कर दूं। पाकिस्तान मेरी जन्मभूमि हो सकती है, लेकिन मेरे पूर्वजों की भूमि भारत मेरी मातृभूमि है। मेरे लिए भारत एक मंदिर के समान है। फिलहाल, मेरी भारतीय नागरिकता लेने की कोई योजना नहीं है। यदि भविष्य में कोई ऐसा करना चाहे, तो हमारे लिए सीएए पहले से मौजूद है।”


धर्म और आस्था का संदेश

दानिश कनेरिया ने अपने परिवार और सुरक्षा के बारे में भी कहा, “मेरी सुरक्षा के लिए चिंतित लोगों, प्रभु श्री राम के आशीर्वाद से मैं सुरक्षित हूँ और अपने परिवार के साथ खुश हूँ। मेरा भाग्य भगवान राम के हाथों में है। जय श्री राम।” कनेरिया का यह बयान यह स्पष्ट करता है कि उनके भारत और धर्म के प्रति भाव सिर्फ व्यक्तिगत आस्था और सम्मान पर आधारित हैं, और वे किसी भी नागरिकता या राजनीतिक लाभ के लिए अपने विचार नहीं बदल रहे।