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Gen Z की खरीदारी आदतें: क्या है उनके फिजूलखर्ची का राज?

भारत में जेनरेशन जेड की खरीदारी प्रवृत्तियाँ अन्य पीढ़ियों की तुलना में अधिक खुली और खर्चीली हैं। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, जेन-जी के लोग 'अब खरीदें, बाद में भुगतान करें' जैसी सेवाओं का उपयोग करते हैं और ब्रांडेड उत्पादों पर अधिक खर्च करते हैं। इस पीढ़ी की मानसिकता पैसे बचाने के बजाय खर्च करने पर केंद्रित है। जानें कि कैसे ये युवा उपभोक्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी खरीदारी आदतों में भिन्नता दिखाते हैं।
 

Gen Z इंडिया की खरीदारी प्रवृत्तियाँ

Gen Z इंडिया की खरीदारी: त्योहारों और सेल्स के दौरान भारतीय उपभोक्ताओं में फिजूलखर्ची एक सामान्य बात है, लेकिन जेनरेशन जेड के लोग इस मामले में सबसे आगे हैं। एक अध्ययन के अनुसार, जेन-जी के लोग अन्य पीढ़ियों की तुलना में अधिक खर्च करते हैं और जरूरत से ज्यादा खरीदारी करने में संकोच नहीं करते।


उधार पर खरीदारी की प्रवृत्ति

अध्ययन में यह भी बताया गया है कि जेन-जी के लोग पैसे की कमी होने पर भी 'अब खरीदें, बाद में भुगतान करें' जैसी सेवाओं का भरपूर उपयोग करते हैं। इस पीढ़ी में अन्य पीढ़ियों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक लोग उधार पर खरीदारी करते हैं। इसका अर्थ है कि जेन-जी केवल आज की जरूरतों के लिए ही नहीं, बल्कि जीवनशैली और ब्रांड की चाहत के लिए भी उधार लेने में संकोच नहीं करते।


ब्रांड और ई-कॉमर्स को प्राथमिकता

जेन-जी के खरीदार ब्रांडेड उत्पादों को अधिक महत्व देते हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार, इस पीढ़ी के 34 प्रतिशत लोग कपड़ों और 29 प्रतिशत लोग ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर खर्च करते हैं। इसके अलावा, ये युवा ई-कॉमर्स से खरीदारी को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि डिजिटल प्लेटफॉर्म उन्हें त्वरित और सुविधाजनक विकल्प प्रदान करते हैं।


अंतरराष्ट्रीय तुलना

अध्ययन में अंतरराष्ट्रीय उदाहरण भी शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया में लगभग 60 प्रतिशत लोग महंगाई को लेकर चिंतित हैं, लेकिन केवल 16 प्रतिशत लोग फिजूलखर्ची करते हैं। चीन में 43 प्रतिशत लोग महंगाई के प्रति सतर्क हैं, लेकिन उनमें से 27 प्रतिशत उपभोक्ता फिजूलखर्ची के लिए तैयार रहते हैं। यूएई में महंगाई से चिंतित 44 प्रतिशत लोगों में से 30 प्रतिशत फिजूलखर्ची करते हैं।


भारत में स्थिति

भारत में 40 प्रतिशत लोग महंगाई को लेकर चिंतित हैं, लेकिन 31 प्रतिशत उपभोक्ता फिजूलखर्ची करने के लिए तैयार रहते हैं। केवल नौ प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो जरूरत से ज्यादा खर्च करने से बचते हैं। इसका मतलब है कि भारत में जेन-जी की खरीदारी प्रवृत्ति अधिक खुलकर देखने को मिलती है।


युवा पीढ़ी की मानसिकता

उपभोक्ता मामलों की विशेषज्ञ शीतल कपूर के अनुसार, युवा पीढ़ी पैसे बचाने के बजाय खर्च करने में विश्वास करती है। वे एक अच्छी और आरामदायक जिंदगी जीना चाहते हैं और इसके लिए लाइफस्टाइल और ब्रांडेड सामान पर खर्च करने से पीछे नहीं हटते।


जेनरेशन जेड की पहचान

जेन-जी या जेनरेशन जेड उन लोगों को कहा जाता है, जो लगभग 1997 से 2012/2015 के बीच पैदा हुए हैं। आज उनकी उम्र लगभग 10 से 28 साल के बीच है। यह पीढ़ी डिजिटल युग में जन्मी है, इसलिए इन्हें डिजिटल नैटिव्स भी कहा जाता है। इंटरनेट, स्मार्टफोन, सोशल मीडिया, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, गेमिंग और एआई इनके जीवन का अहम हिस्सा हैं। पिछली पीढ़ियों की तुलना में ये अधिक टेक-सेवी, तेज़-तर्रार और दुनिया से जुड़े हुए हैं।