UIDAI ने बच्चों के आधार कार्ड के बायोमेट्रिक अपडेट को एक साल के लिए मुफ्त किया
बायोमेट्रिक अपडेट की नई सुविधा
आधार कार्ड अपडेट: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने बच्चों के लिए अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU-1) का शुल्क समाप्त कर दिया है। यह नई सुविधा 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गई है और अगले एक वर्ष तक जारी रहेगी। इस निर्णय से लगभग 6 करोड़ बच्चों को लाभ मिलने की संभावना है। ध्यान दें कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों के आधार पंजीकरण के दौरान केवल उनकी तस्वीर, नाम, जन्मतिथि, पता और जन्म प्रमाण पत्र लिया जाता है। इस उम्र में उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का स्कैन नहीं लिया जाता, क्योंकि उनके बायोमेट्रिक्स अभी विकसित नहीं हुए होते हैं।
जब बच्चा पांच साल का होता है, तब उसके बायोमेट्रिक डेटा का पहला अनिवार्य अपडेट, जिसे MBU-1 कहा जाता है, किया जाता है। इसके बाद, दूसरा बायोमेट्रिक अपडेट 15 साल की उम्र में किया जाता है।
बायोमेट्रिक अपडेट का शुल्क
पहले, इन अपडेट के लिए 125 रुपये का शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब यह सेवा 5 से 17 साल के सभी बच्चों के लिए पूरी तरह से मुफ्त होगी। UIDAI का कहना है कि बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट से उनका आधार कार्ड अधिक सटीक और उपयोगी बनता है, जिससे स्कूल में प्रवेश, छात्रवृत्तियाँ, प्रवेश परीक्षा पंजीकरण और DBT जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना आसान हो जाता है।
हैदराबाद में आयोजित हुआ “आधार संवाद”
पिछले महीने, UIDAI ने हैदराबाद में “आधार संवाद (Aadhar Samvaad)” सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें 700 से अधिक नीति निर्माताओं, स्टार्टअप्स और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आधार से जुड़ी सेवाओं को और मजबूत बनाना था।
आधार का डिजिटल बुनियादी ढांचे में महत्व
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव एस. कृष्णन ने कहा कि आधार भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की नींव है। उन्होंने इसे सबसे सुरक्षित डेटाबेस बताया और कहा कि UIDAI को जन सुविधा सुनिश्चित करने के लिए अपने नवाचारों का और विस्तार करना चाहिए।