अंजनेरी पहाड़ियों की यात्रा: हनुमान की जन्मस्थली और ट्रैकिंग का अद्भुत अनुभव
अंजनेरी पहाड़ियों का परिचय
अंजनेरी पहाड़ियाँ: मुंबई से लगभग 190 किमी की दूरी पर स्थित नासिक के निकट अंजनेरी पहाड़ियाँ अपनी धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती हैं। यह स्थान न केवल भगवान हनुमान की जन्मभूमि माना जाता है, बल्कि ट्रैवल और एडवेंचर प्रेमियों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है। हर साल, यहां देश-विदेश से लोग भगवान हनुमान के दर्शन करने और ट्रैकिंग का अनुभव लेने आते हैं।
अंजनेरी गांव का महत्व
अंजनेरी गांव और इसके आस-पास की पहाड़ियाँ धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। यहां सुंदर झीलें, किले और ट्रैकिंग के लिए सुरक्षित मार्ग मौजूद हैं। भक्त और ट्रैवलर्स दोनों इस स्थान के प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक वातावरण का आनंद लेते हैं।
अंजनेरी गांव की स्थिति
अंजनेरी गांव कहां है?
अंजनेरी गांव नासिक से त्र्यंबकेश्वर की ओर लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। अधिकांश तीर्थयात्री जो त्र्यंबकेश्वर के शिव मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं, वे अक्सर अंजनेरी की पहाड़ियों में रुककर भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेते हैं। यहां पास में जैन गुफाएं और माता अंजनि का मंदिर भी है। लोक मान्यता के अनुसार, इन्हीं गुफाओं में माता अंजनि ने भगवान हनुमान को जन्म दिया था।
ट्रैकिंग का अनुभव
4 किमी लंबा ट्रैक और खूबसूरत नजारे
अंजनेरी ट्रैक लगभग 4 किमी लंबा है और इसे पूरा करने में 4-5 घंटे का समय लगता है। यह ट्रैक मध्यम स्तर का है, यानी इसे करना बहुत कठिन नहीं है। रास्ते के आसपास का दृश्य अत्यंत सुंदर है, जिससे ट्रैकिंग करते समय लोगों का मन प्रसन्न रहता है। भक्त और एडवेंचर प्रेमी दोनों इस ट्रैक को पसंद करते हैं।
विशेष झील और मंदिर
पैर के आकार की झील और अंजनि माता का मंदिर
ट्रैक के रास्ते में एक अनोखी झील है, जिसका आकार पैरों जैसा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह झील भगवान हनुमान के बाएं पैर के फुटप्रिंट पर बनी है। झील से लगभग 40 मिनट की ट्रैकिंग के बाद माता अंजनि का दुर्लभ मंदिर दिखाई देता है। पूरे भारत में ऐसा दूसरा मंदिर शायद ही कहीं और हो।
मंदिर का अनुभव
हिल के टॉप पर भगवान हनुमान का मंदिर
अंजनेरी हिल्स के शीर्ष पर भगवान हनुमान का मंदिर स्थित है। यहां हनुमान की पूजा बाल रूप में की जाती है। मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत और भक्ति से भरा हुआ है। भक्ति की इस अनुभूति में ट्रैकिंग की थकान तुरंत दूर हो जाती है।
इस स्थान की यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और बारिश के बाद पहाड़ियों की हरियाली देखते ही बनती है।