अक्षय खन्ना का रहमान डकैत: बॉलीवुड के नए खलनायक की कहानी
धुरंधर में अक्षय खन्ना का प्रभावशाली किरदार
मुंबई: रणवीर सिंह की फिल्म 'धुरंधर' में एक ऐसा दृश्य है जो पूरी फिल्म के शक्ति संतुलन को बखूबी दर्शाता है। बलोच कैंप में एक SUV से उतरते हुए अक्षय खन्ना का किरदार रहमान डकैत शाही अंदाज में आगे बढ़ता है, जबकि रणवीर सिंह का हमजा अली मजारी कुछ कदम पीछे, संयमित और सतर्क, अपने मालिक की सुरक्षा करता हुआ चलता है। इस सीन के बाद रहमान का चर्चित डांस भले ही चर्चा का विषय बना हो, लेकिन उससे पहले का यह शांत पल बहुत कुछ कह जाता है।
कहानी में विलेन का महत्व
यह दृश्य स्पष्ट करता है कि 'धुरंधर पार्ट 1' की दुनिया में असली अल्फा मेल रहमान डकैत है, जिसे 'शेर-ए-बलोच' कहा जाता है। इस कहानी में हीरो की चमक जानबूझकर कम की गई है। पटकथा की मांग थी कि हमजा, जो बाद में लियारी में सक्रिय भारतीय एजेंट के रूप में सामने आता है, तब तक रहमान की परछाईं में ही रहे, जब तक कहानी उसे आगे बढ़ने की अनुमति न दे।
रणवीर सिंह का किरदार और उसकी सीमाएँ
फिल्म के रिलीज के बाद रणवीर सिंह के किरदार को लेकर बहसें हुई हैं। यह स्पष्ट है कि इस फिल्म में हीरो का किरदार सेकेंडरी है। यह कोई संयोग नहीं, बल्कि निर्देशक आदित्य धर की सोची-समझी रणनीति है। हमजा को कुछ कदम पीछे चलने के लिए लिखा गया है, ताकि रहमान डकैत का आतंक और प्रभाव पूरी तरह उभर सके।
अक्षय खन्ना का विलेन के रूप में प्रभाव
हालांकि फिल्म के अंत में रहमान डकैत की मौत दिखाई जाती है, लेकिन अक्षय खन्ना द्वारा निभाया गया यह किरदार दर्शकों के मन से जाने वाला नहीं है। 'शेर-ए-बलोच' अब हिंदी सिनेमा के अमर खलनायकों की सूची में शामिल हो चुका है, जिसमें गब्बर सिंह, मोगैंबो और कांचा चीना जैसे नाम शामिल हैं।
अक्षय खन्ना की एंट्री और किरदार की गहराई
रहमान डकैत के रूप में अक्षय खन्ना की एंट्री एक अस्पताल के दृश्य से होती है, जहां एक मुठभेड़ में उसके बेटे की मौत हो चुकी होती है। चेहरे पर सख्ती और सिर ऊंचा, वह निजी तौर पर शोक जताता है, लेकिन सार्वजनिक रूप से खुद को तुरंत संभाल लेता है।
अक्षय खन्ना का नेगेटिव सफर
अक्षय खन्ना के करियर पर नजर डालें तो खलनायकी में उनकी महारत धीरे-धीरे निखरी है। 1997 की 'हिमालय पुत्र' से शुरुआत के बाद, 'बॉर्डर' को छोड़ दें तो शुरुआती दौर में उन्हें कमजोर स्क्रिप्ट्स का सामना करना पड़ा। 2001 में 'दिल चाहता है' ने पहली बार दिखाया कि वह बारीक और संदर्भपूर्ण किरदारों में कितने सहज हैं।
रहमान डकैत का जटिल व्यक्तित्व
रहमान डकैत के रूप में अक्षय खन्ना का सबसे खतरनाक हथियार उनकी ठंडी मुस्कान है। एक सीन में वह कहता है कि रहमान डकैत की दी हुई मौत बड़ी कसाईनुमा होती है। वहीं दूसरी तरफ, वह हमजा और उजैर को नई बंदूकों से खेलते देख एक पिता-सा स्नेह भी दिखाता है। यही संतुलन इस किरदार को खास बनाता है।
क्लासिक विलेन की पहचान
रहमान डकैत को खास बनाता है उसका संयम। वह डर पैदा करने के लिए आवाज ऊंची नहीं करता। उसकी क्रूरता दिखती है, लेकिन सीमित और सटीक मौकों पर।