अजेय: एक योगी की अनकही कहानी का रिव्यू
बायोपिक का बढ़ता चलन
फिल्म उद्योग में बायोपिक का चलन तेजी से बढ़ रहा है, जहां निर्माता दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए जीवनियों पर आधारित फिल्में बना रहे हैं। चाहे हिंदी, बंगाली, पंजाबी या दक्षिण भारतीय फिल्में हों, बड़े सितारे भी अब अपनी कहानियों को पर्दे पर लाने में जुटे हैं।
राजनीति और सिनेमा का संबंध
फिल्मों में राजनीति का प्रभाव हमेशा से रहा है। कभी राजनेता खुद फिल्मों में नजर आते हैं, तो कभी फिल्म निर्माता उनके जीवन पर आधारित फिल्में बनाते हैं। इस बार, एक नई फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ अ योगी' के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कहानी को दर्शाया गया है।
योगी आदित्यनाथ का सफर
इस फिल्म का निर्देशन रविंद्र गौतम ने किया है, जो शांतनु गुप्ता की किताब 'द मोंक हू बिकेम अ चीफ मिनिस्टर' पर आधारित है। इसमें अनंत जोशी ने योगी आदित्यनाथ की भूमिका निभाई है। फिल्म में उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले के जीवन को दर्शाया गया है, जिसमें 1984 में पूर्वांचल के गैंगवॉर का संदर्भ भी है।
योगी आदित्यनाथ का संन्यास की ओर कदम
कॉलेज के दिनों में, अजेय की मुलाकात गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ से होती है, जो उनके जीवन को बदल देती है। अजेय ने मठ में शामिल होकर योगी आदित्यनाथ के नाम से पहचान बनाई।
सीएम बनने की यात्रा
योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, जहां उन्हें बाहुबलियों का सामना करना पड़ा। महंत अवैद्यनाथ की अंतिम समाधि के बाद, उन्होंने गोरखनाथ मठ के पीठाधीश का पद संभाला और अंततः 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
निर्देशक की मेहनत
रविंद्र गौतम ने इस फिल्म में अजेय सिंह बिष्ट के जीवन के विभिन्न पहलुओं को बखूबी दर्शाया है। फिल्म की सादगी और ईमानदारी इसे खास बनाती है।
फिल्म की विशेषताएँ
फिल्म के संवाद और रिसर्च की गुणवत्ता दर्शकों को प्रभावित करती है। अनंत जोशी ने योगी आदित्यनाथ के किरदार को प्रभावी ढंग से निभाया है।
फिल्म का समापन
यदि आप बायोपिक और राजनीतिक कहानियों के शौकीन हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है। हालांकि, यदि आप ड्रामा और रोमांस की तलाश में हैं, तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है। 'अजेय' को 3.5 स्टार मिलते हैं।