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अनन्या पांडे का बांधनी साड़ी और कॉर्सेट ब्लाउज़ लुक, फिल्मफेयर अवार्ड्स में छाया

फिल्मफेयर अवार्ड्स 2025 में अनन्या पांडे ने अपने अनोखे लुक से सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बांधनी साड़ी और बीडेड कॉर्सेट ब्लाउज़ पहनकर एक नया फैशन मानक स्थापित किया। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जो यह दर्शाती हैं कि वह बॉलीवुड की सबसे स्टाइलिश युवा सितारों में से एक हैं। जानें उनके इस लुक के पीछे की कहानी और कैसे उन्होंने परंपरा और आधुनिकता का बेहतरीन मिश्रण प्रस्तुत किया।
 

अनन्या पांडे का शानदार लुक


अनन्या पांडे: 2025 के फिल्मफेयर अवार्ड्स में, बॉलीवुड की प्रतिभाशाली अदाकारा अनन्या पांडे ने अपने अद्भुत पारंपरिक और आधुनिक लुक से सभी का ध्यान आकर्षित किया। बांधनी साड़ी और बीडेड कॉर्सेट ब्लाउज़ में, उन्होंने एक नया फैशन मानक स्थापित किया। उनकी शानदार तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जो यह दर्शाती हैं कि वह बॉलीवुड की सबसे स्टाइलिश युवा सितारों में से एक हैं।


बांधनी साड़ी और आधुनिक ग्लैमर का संगम


फिल्मफेयर अवार्ड्स में अनन्या पांडे का पारंपरिक लुक एक नए अंदाज़ में बेहद आकर्षक था। अबू जानी संदीप खोसला द्वारा डिज़ाइन की गई उनकी बांधनी साड़ी, काले रेशमी बॉर्डर और मैरून-काले रंग की बारीक़ी से सजी थी, जो इसे एक समृद्ध और शाही स्पर्श दे रही थी।


ड्रेपिंग में एक ट्विस्ट

अनन्या ने साड़ी को पारंपरिक तरीके से कंधों पर डालने के बजाय, पल्लू को अपनी बाहों पर बांधने का एक स्टाइलिश तरीका अपनाया। इस स्मार्ट स्टाइलिंग ने उनके आउटफिट को एक आधुनिक रूप दिया और उनके फिगर को खूबसूरती से उभारा।


सबका ध्यान खींचने वाला कॉर्सेट ब्लाउज़

अनन्या के पहनावे का मुख्य आकर्षण उनका पटोला से प्रेरित, मनके वाला कॉर्सेट ब्लाउज़ था। गहरी नेकलाइन और ऑफ-शोल्डर स्टाइल के साथ, यह ब्लाउज़ रेड कार्पेट के लिए एकदम सही लुक प्रदान कर रहा था।


रेट्रो हेयरस्टाइल और हल्का ग्लैमर

अपने ग्लैमरस लुक के साथ, अनन्या ने अपने बालों को हल्के रेट्रो बन में स्टाइल किया, जो उनके चेहरे को खूबसूरती से फ्रेम कर रहा था। उनका मेकअप न्यूनतम लेकिन चमकदार था, जिसमें इंटेंस आई मेकअप और ग्लोई हाइलाइटर शामिल था।


परंपरा और ट्रेंड का बेहतरीन मिश्रण

अनन्या पांडे का फिल्मफेयर लुक आधुनिक ब्राइड्समेड्स और उत्सव के अवसरों के लिए एक आदर्श प्रेरणा था, जिसमें भारतीय शिल्प कौशल और पश्चिमी फैशन का बेहतरीन संतुलन था।