अमर सिंह चमकीला की जयंती: पंजाबी संगीत के दिग्गज की कहानी
अमर सिंह चमकीला की जयंती
अमर सिंह चमकीला की जयंती: पंजाब के प्रसिद्ध गायक अमर सिंह चमकीला भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं। उन्होंने अपनी मेहनत से एक अलग पहचान बनाई और संगीत की दुनिया में नाम कमाया। हालांकि, उनकी सफलता उनके विरोधियों को पसंद नहीं आई, जिसके चलते उनकी हत्या कर दी गई। अमर सिंह चमकीला का जन्म 21 जुलाई को हुआ था। आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में...
अमर सिंह चमकीला का परिचय
अमर सिंह चमकीला का जन्म 21 जुलाई 1960 को हुआ था। वे पंजाब के एक प्रसिद्ध गायक थे, जो अपने गानों के लिए जाने जाते थे। उनके गाने उनके गांव के जीवन से प्रेरित थे। 8 मार्च 1988 को, अमर सिंह और उनकी पत्नी अमरजोत की हत्या कर दी गई थी, और उनकी मौत आज भी एक रहस्य बनी हुई है। उन्हें 'पंजाब का एल्विश' कहा जाता था।
प्रारंभिक गाने
अमर सिंह का पहला गाना 'ताकुए ते ताकुआ' था। उनके कुछ प्रसिद्ध गानों में 'पहले ललकारे नाल', 'बाबा तेरा ननकाना', 'तर गई रविदास दी पथरी', और 'तलवार मैं कलगीधर दी' शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने 'जट दी दुश्मनी' गाना लिखा था, जिसे अन्य पंजाबी गायकों ने गाया।
संगीत में करियर
अमर सिंह चमकीला को बचपन से ही संगीत में रुचि थी। उन्होंने हारमोनियम और ढोलकी बजाना सीखा। 1979 में, उन्होंने सुरिंदर शिंदा से मुलाकात की, जो उनके गुरु बने। उस समय, वे अपने दोस्त कुलदीप पारस के साथ साइकिल पर गए थे। शिंदा ने उनकी आवाज़ सुनी और उन्हें अपने शिष्य के रूप में स्वीकार किया।
हत्या की घटना
8 मार्च 1988 को, अमर सिंह चमकीला और उनकी पत्नी अमरजोत पंजाब के मेहसामपुर में एक कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे। जब वे कार से बाहर निकल रहे थे, तभी उन पर कई बाइक सवारों ने गोलियां चलाईं। इस हमले में दोनों की मौत हो गई और उनके साथ मौजूद अन्य लोग घायल हो गए।