असम के संगीत सम्राट ज़ुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार: गुवाहाटी में श्रद्धांजलि का आयोजन
ज़ुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार
असम के प्रसिद्ध संगीतकार और सांस्कृतिक प्रतीक ज़ुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार 23 सितंबर को गुवाहाटी के बाहरी क्षेत्र सोनापुर के कमरकुची-हातिमुरा में आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई एक विशेष कैबिनेट बैठक में लिया गया। राज्य सरकार ने इस कार्य के लिए खानापाड़ा से लगभग सात किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर दिचांग रिज़ॉर्ट के पास 10 बीघा भूमि आवंटित की है। मुख्यमंत्री ने स्थल का दौरा कर सभी आवश्यक तैयारियों की निगरानी की।
अस्थियों का स्थानांतरण
जोरहाट में स्थापित होगा स्मारक
हालांकि अंतिम संस्कार गुवाहाटी के निकट होगा, ज़ुबीन की अस्थियों को बाद में जोरहाट ले जाया जाएगा, जहां उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष बिताए और कई प्रसिद्ध रचनाएं कीं। वहां उनकी स्मृति में एक स्मारक भी स्थापित किया जाएगा। ज़ुबीन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने उनके पिता की उम्र और असमर्थता का हवाला देते हुए गुवाहाटी में अंतिम संस्कार करने का अनुरोध किया था।
प्रशंसकों की श्रद्धांजलि
गुवाहाटी के अर्जुन भोगेश्वर बरुआ खेल परिसर में हजारों प्रशंसक उनके पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए एकत्र हुए। लोगों ने भावुक होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया। एक प्रशंसक ने कहा कि ज़ुबीन एक सदाबहार हस्ती थे, जिनके गीतों ने हमारी जिंदगी को छुआ। भारी भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि स्टेडियम रातभर खुला रहेगा ताकि अधिक से अधिक लोग अपने प्रिय कलाकार को श्रद्धांजलि दे सकें।
राजकीय शोक की घोषणा
तीन दिन का शोक
राज्य सरकार ने ज़ुबीन गर्ग के सम्मान में तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सभी सांस्कृतिक और आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम स्थगित रहेंगे। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि असम ने न केवल एक महान कलाकार खोया है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक आत्मा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी।
ज़ुबीन गर्ग की विरासत
ज़ुबीन गर्ग का करियर तीन दशकों से अधिक समय तक फैला रहा। वह केवल गायक नहीं, बल्कि एक संगीतकार, संगीत निर्देशक, अभिनेता और फिल्म निर्माता भी थे। उनकी आवाज़ ने असमिया, हिंदी, बंगाली और अन्य भाषाओं के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। उन्हें असम का सांस्कृतिक प्रतीक माना जाता था, और उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उनकी विरासत सदैव जीवित रहेगी और लाखों दिलों में उनकी याद हमेशा बनी रहेगी।