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इटावा में भागवत कथा के दौरान जातिवाद का विवाद, कवि कुमार विश्वास की प्रतिक्रिया

इटावा में भागवत कथा के दौरान कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव के साथ जातिवाद के चलते विवाद हुआ। कवि कुमार विश्वास ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए धार्मिक आयोजनों को जाति विवादों से दूर रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी से जातिवाद को छोड़कर धार्मिक एकता पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की। इस विवाद में कथावाचकों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसके चलते पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

कवि कुमार विश्वास का बयान

इटावा में भागवत कथा के आयोजन के दौरान कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव के साथ हुई बदसलूकी पर कवि कुमार विश्वास ने अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों को जाति के विवादों से दूर रखना आवश्यक है, क्योंकि इससे धार्मिक पवित्रता पर असर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि कथावाचकों का कार्य भगवान और भक्तों के बीच एक पुल का निर्माण करना है। उन्होंने सभी से जातिवाद को छोड़कर धार्मिक एकता पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की और इस मुद्दे को अनावश्यक बताया।


विवाद का विवरण

क्या है पूरा विवाद?


इटावा के थाना बकेवर क्षेत्र के एक गांव में आयोजित भागवत कथा के दौरान कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव से उनकी जाति पूछी गई। जब उन्होंने अपनी जाति बताई, तो ब्राह्मण समुदाय के कुछ सदस्यों ने कथावाचकों के साथ अभद्र व्यवहार किया। इस घटना में उनकी चोटी और बाल काट दिए गए और जातिसूचक शब्दों के साथ एक वीडियो बनाया गया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया।


कथावाचकों के गंभीर आरोप

कथावाचक ने लगाए हैं गंभीर आरोप


पीड़ित कथावाचकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें फर्जी कथावाचक बताकर बंधक बनाया गया और उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया गया। संत कुमार यादव की चोटी और बाल काटे गए, एक महिला से जबरन पैर छुआए गए, उनका हारमोनियम तोड़ दिया गया और उन पर मानव मूत्र छिड़का गया। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।