इरफान खान की फिल्म 'मकबूल' का अनोखा अनुभव: दीपक डोबरियाल की यादें
इरफान खान की अदाकारी का जादू
भारतीय सिनेमा में इरफान खान ने अपने छोटे से करियर में ऐसा काम किया कि उनकी हर फिल्म को एक कल्ट क्लासिक माना जाता है। उनकी अदाकारी इतनी वास्तविक लगती थी कि दर्शक हर सीन में मंत्रमुग्ध हो जाते थे। इरफान ने कई यादगार फिल्में दी हैं, लेकिन विशाल भारद्वाज की 'मकबूल' को कई कारणों से ऐतिहासिक माना जाता है। यह फिल्म न केवल सिनेमा की धरोहर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें शामिल कलाकारों के करियर के लिए भी।
दीपक डोबरियाल का अनुभव
दीपक डोबरियाल ने 'मकबूल' में अपने अनुभव और सेट पर मौजूद दिग्गजों से मिली सीख को साझा किया। उन्होंने एक दिलचस्प किस्सा सुनाया, जिसमें एक सीन में इरफान का विलाप करते हुए एक संवाद था। जब ओम पुरी से पूछा गया कि शव कहां मिला, तो उन्होंने 'हवेली' शब्द को इस तरह से उच्चारित किया कि सभी हंस पड़े। इस पर विशाल भारद्वाज ने मजाक में कहा कि उनके लहजे में पंजाबी टच है।
कॉमेडी का अनपेक्षित मोड़
दीपक ने बताया कि इस मजेदार पल के बाद, ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह ने जानबूझकर 'हवेली' शब्द का मजाक उड़ाना शुरू किया। हालांकि, इस हल्के-फुल्के माहौल के बावजूद, इरफान अपने किरदार में पूरी तरह से डूबे हुए थे। एक टेक के दौरान, इरफान अचानक गुस्से में आ गए और गाली दे दी, फिर तुरंत माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि इससे उनकी एक्टिंग में मदद मिलेगी। इस घटना ने सेट पर गंभीरता का माहौल बना दिया, लेकिन इसके बाद शॉट बिना किसी समस्या के पूरा हुआ।