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एसएस राजामौली के विवादास्पद बयान पर धार्मिक भावनाएं आहत

फिल्म निर्देशक एसएस राजामौली ने अपने हालिया बयान से विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने भगवान हनुमान में विश्वास न करने की बात कही। इस बयान के बाद उन पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया है और FIR भी दर्ज की गई है। सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी बंटी हुई हैं, जहां कुछ इसे व्यक्तिगत आस्था मानते हैं, वहीं कई इसे हिंदू भावनाओं का अपमान करार दे रहे हैं। जानें इस मामले में और क्या हुआ।
 

एसएस राजामौली का नया विवाद


हैदराबाद: प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक एसएस राजामौली एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं। 15 नवंबर को हैदराबाद में उनकी नई फिल्म 'वाराणसी' के लॉन्च इवेंट में दिए गए बयान ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। भगवान हनुमान पर की गई टिप्पणी के चलते उन पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया है, जिसके चलते उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है।


18 नवंबर को, हैदराबाद के सरूरनगर पुलिस थाने में वानर सेना संगठन ने इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में कहा गया कि राजामौली ने कार्यक्रम के दौरान यह कहकर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई कि वह भगवान हनुमान में विश्वास नहीं करते। संगठन ने इसे जानबूझकर किया गया अपमान बताया और उचित कार्रवाई की मांग की।


राजामौली का बयान

भगवान हनुमान पर क्या बोले एसएस राजामौली?


रामोजी फिल्म सिटी में आयोजित 'वाराणसी' के लॉन्च इवेंट में लगभग 50,000 लोग शामिल हुए थे। कार्यक्रम के दौरान तकनीकी समस्याओं के कारण टीजर नहीं चल सका, जिस पर भावुक राजामौली ने दर्शकों से माफी मांगी और कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे भगवान हनुमान ने उन्हें निराश किया हो।


उन्होंने बताया कि जब उनके पिता ने हनुमान के बारे में बात की और सफलता के लिए उनके आशीर्वाद पर भरोसा रखने का सुझाव दिया, तो उन्हें गुस्सा आया। राजामौली ने स्पष्ट किया कि वे ईश्वर में विश्वास नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी राम हनुमान की बड़ी भक्त हैं और उनसे ऐसे बात करती हैं जैसे वह उनके मित्र हों। इस पर उन्होंने यह भी बताया कि वह कुछ समय के लिए अपनी पत्नी से नाराज भी हो गए थे।


सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर लोगों का रिएक्शन


जैसे ही राजामौली का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोग दो समूहों में बंट गए। कई लोगों ने आश्चर्य व्यक्त किया कि बाहुबली और आरआरआर जैसी फिल्मों के निर्देशक, जिनकी कहानियों में पौराणिक प्रभाव स्पष्ट है, वह भगवान हनुमान में विश्वास न करने की बात कैसे कर सकते हैं। कुछ ने इसे उनकी व्यक्तिगत आस्था बताया, जबकि कई ने इसे हिंदू भावनाओं का अपमान करार दिया।


सोशल मीडिया पर हैशटैग चलने लगे और बड़ी संख्या में लोग राजामौली के खिलाफ लिखने लगे। वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि निर्देशक ने अपना व्यक्तिगत विचार व्यक्त किया है, जिसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।