कथक क्वीन सितारा देवी: बॉलीवुड की पहली नृत्यांगना की प्रेरणादायक कहानी
सितारा देवी: बॉलीवुड की पहली नृत्यांगना
सितारा देवी, नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा की चर्चा करते समय कई महान कलाकारों के नाम सामने आते हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र को आकार दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड की पहली नृत्यांगना कौन थीं? वह अदाकारा जिसने नृत्य को सिनेमा में एक नई पहचान दी और इसे एक कला के रूप में स्थापित किया? वह कोई और नहीं, बल्कि प्रसिद्ध सितारा देवी हैं, जिन्हें 'कथक की रानी' के नाम से जाना जाता है।
भारतीय शास्त्रीय नृत्य की महान हस्ती
सितारा देवी केवल एक नृत्यांगना नहीं थीं, बल्कि उन्होंने भारतीय शास्त्रीय नृत्य की धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया। हालांकि वह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके कथक में योगदान को आज भी उतनी ही श्रद्धा से याद किया जाता है। उनके जुनून और कौशल ने उन्हें कथक क्वीन की उपाधि दिलाई।
संघर्ष और सफलता की कहानी
सितारा देवी का जीवन संघर्षों से भरा रहा। उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी। बचपन में ही उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जब उनके माता-पिता ने उन्हें एक घरेलू नौकरानी के पास रखा। लेकिन उन्होंने इन बाधाओं को अपनी ताकत बना लिया और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ीं।
निजी जीवन की चुनौतियाँ
उनका निजी जीवन भी उतार-चढ़ाव से भरा रहा। केवल आठ साल की उम्र में उनकी पहली शादी हुई, लेकिन उन्होंने अपने नृत्य के प्रति प्रेम को प्राथमिकता देते हुए इस रिश्ते को समाप्त कर दिया। बाद में, उन्होंने अपने से 16 साल बड़े नज़ीर से विवाह किया, जिसके लिए उन्होंने अपना धर्म भी बदला।
दुर्भाग्यवश, यह रिश्ता भी लंबे समय तक नहीं चला, और अंततः नज़ीर के भतीजे, फिल्म निर्माता के. आसिफ के साथ उनकी नज़दीकियाँ बढ़ गईं। हालांकि, यह शादी भी सफल नहीं हो सकी। इन व्यक्तिगत असफलताओं के बावजूद, सितारा देवी ने अपनी कला में चमक बनाए रखी और अपने अद्वितीय कथक प्रदर्शनों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। उनकी कहानी दर्द, साहस और नृत्य के प्रति अटूट समर्पण की है।
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