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कश्मीर में बाढ़ से शिक्षा और जीवन पर पड़ रहा है गहरा असर

कश्मीर में हाल की बाढ़ और मूसलाधार बारिश ने शिक्षा व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं, और परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। राहत कार्यों में भाजपा सांसदों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जबकि नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुँच गया है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी दी है। जानें इस संकट के बारे में और अधिक जानकारी।
 

कश्मीर में बाढ़ की स्थिति

कश्मीर संभाग में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। इस आपदा ने न केवल सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि शिक्षा प्रणाली पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है।


स्कूल और कॉलेज बंद

बदले मौसम के कारण, कश्मीर के सभी सरकारी और निजी स्कूल तथा कॉलेज 3 सितंबर को बंद रहे। संभागीय आयुक्त ने छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया। इसके साथ ही, स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10 और 11 की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी हैं। जम्मू विश्वविद्यालय ने भी सभी कक्षाएं रद्द कर दीं, जिससे शिक्षा क्षेत्र में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुआ है।


राहत कार्यों में भाजपा सांसदों की भूमिका

जम्मू क्षेत्र में बाढ़ के कारण 110 से अधिक लोगों की जान चली गई है। इस संकट के समय, भाजपा सांसदों और विधायकों ने राहत कार्यों के लिए 35.5 करोड़ रुपये देने का आश्वासन दिया है। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने बताया कि 28 विधायकों ने 28 करोड़ और सांसदों ने 7.5 करोड़ की राशि देने का वादा किया है। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने आपदा प्रतिक्रिया कोष में 209 करोड़ रुपये जारी किए हैं और प्रभावितों के लिए चिकित्सा शिविर और सामुदायिक सहायता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।


नदियों का जलस्तर

जम्मू संभाग की प्रमुख नदियाँ चेतावनी स्तर के बेहद करीब पहुँच गई हैं। तवी नदी का जलस्तर 13.5 फीट पर पहुंच गया है, जो चेतावनी स्तर से केवल आधा फीट कम है। इसके अलावा, बसंतर, चिनाब, तरनाह, उझ और रावी नदियाँ भी खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। इस स्थिति के कारण पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर रही हैं।


मौसम विभाग का नया अलर्ट

मौसम विभाग ने अगले 16 घंटों में जम्मू, कठुआ, रियासी, डोडा, उधमपुर, राजौरी, रामबन, पीर पंजाल और दक्षिण कश्मीर में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की चेतावनी दी है। हाल ही में रामबन के बटोटे में 55.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जिससे इलाके में सतर्कता बढ़ा दी गई है।


आलोचना और चुनौतियाँ

विपक्षी नेता सुनील शर्मा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार की प्रतिक्रिया को अपर्याप्त बताया है। उन्होंने केंद्रीय और स्थानीय एजेंसियों के बचाव कार्यों की सराहना की, लेकिन प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और किसानों की मदद के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की। राहत कार्यों में तेजी लाना इस समय सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।