कौन बनेगा करोड़पति में बच्चे के व्यवहार पर उठे सवाल
गुजरात के छात्र इशित भट्ट ने कौन बनेगा करोड़पति में अपने व्यवहार से विवाद खड़ा कर दिया है। उनके लहज़े को दर्शकों ने अशिष्ट माना, जिससे सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। क्या माता-पिता को हमेशा अपने बच्चों के सार्वजनिक व्यवहार के लिए जिम्मेदार ठहराना उचित है? बाल मनोवैज्ञानिक डॉ. सुषमा गोपालन इस मुद्दे पर अपने विचार साझा करती हैं। क्या बच्चों का व्यवहार उनके पालन-पोषण का परिणाम है या यह उनके स्वभाव का हिस्सा है? जानें इस लेख में।
Oct 14, 2025, 15:46 IST
गुजरात के छात्र का केबीसी में विवादास्पद व्यवहार
गुजरात के एक पाँचवीं कक्षा के छात्र, इशित भट्ट, ने हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति के एक एपिसोड में अपने व्यवहार के कारण चर्चा का विषय बन गए हैं। यह शो, जिसे अमिताभ बच्चन होस्ट करते हैं, के 17वें सीज़न में इशित की उपस्थिति ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं। 10 वर्षीय इशित ने अमिताभ से खेल के नियमों को समझाने का अनुरोध करने के बजाय कहा, "मुझे नियम पता हैं, इसलिए आप मुझे अभी समझाएँ नहीं।" इसके बाद, उन्होंने बिना विकल्पों का इंतज़ार किए पहले चार सवालों के जवाब दे दिए। कई दर्शकों ने उनके इस लहज़े को अपमानजनक माना, जैसे कि एक मौके पर उन्होंने बच्चन को टोकते हुए कहा, "ऑप्शन के बिना बोल रहा हूँ, लॉक करो 'डांस'।"
बच्चों के व्यवहार पर उठते सवाल
इशित के जवाब और उनके व्यवहार को दर्शकों ने "अशिष्टता" के रूप में देखा, जिससे इंटरनेट पर बहस छिड़ गई। आजकल के माहौल में, यह स्वाभाविक है कि बच्चे को ट्रोल किया गया, और इसके साथ ही उनके माता-पिता भी इस आक्रोश का शिकार बने। माता-पिता को ऑनलाइन आलोचना का सामना करना पड़ता है, जहाँ अजनबी उनकी "पालन-पोषण शैली" का विश्लेषण करते हैं। लेकिन क्या यह उचित है कि माता-पिता को हमेशा अपने बच्चे के सार्वजनिक व्यवहार के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए?
बच्चों के व्यवहार के पीछे के कारण
बाल मनोवैज्ञानिक डॉ. सुषमा गोपालन के अनुसार, बच्चों का स्वभाव और उनका वातावरण उनके व्यवहार को प्रभावित करते हैं। "कुछ बच्चे स्वाभाविक रूप से साहसी और मुखर होते हैं, जबकि अन्य शर्मीले होते हैं। पालन-पोषण और सामाजिक ढाँचा इन गुणों को कैसे प्रकट करते हैं, यह महत्वपूर्ण है।" संक्षेप में, व्यक्तित्व की नींव होती है, लेकिन पालन-पोषण और सामाजिक संपर्क इसे आकार देते हैं। एक आत्मविश्वासी बच्चा केवल अपने स्वाभाविक गुणों को प्रदर्शित कर रहा हो सकता है, यह जरूरी नहीं कि उसकी परवरिश खराब हो।
माता-पिता को हर गलती के लिए दोष देना क्यों अनुचित है
डॉ. गोपालन कहती हैं कि माता-पिता अपने बच्चे के व्यवहार को निर्देशित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन उनसे पूर्ण नियंत्रण की अपेक्षा करना अवास्तविक है। सबसे अच्छे पालन-पोषण वाले बच्चे भी थके हुए या चिंतित होने पर व्यवहारिक हो सकते हैं। बच्चे अभी भी अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना सीख रहे हैं। वे न केवल माता-पिता से, बल्कि स्कूल, साथियों और मीडिया से भी संकेत लेते हैं। इसलिए, किसी बच्चे के अशिष्ट व्यवहार को केवल पालन-पोषण में कमी से जोड़ना सही नहीं है।
घबराहट और आत्मविश्वास का अंतर
राष्ट्रीय टेलीविजन पर आना, बड़ों के लिए भी तनावपूर्ण होता है। बच्चों के लिए यह और भी चुनौतीपूर्ण है। डॉ. गोपालन बताती हैं, "उत्साह या घबराहट कभी-कभी अहंकार या अशिष्टता के रूप में प्रकट हो सकती है।" बच्चों का व्यवहार अक्सर बुरे इरादों से नहीं, बल्कि इसलिए होता है कि वे अभी भी अपनी भावनाओं को संभालना सीख रहे हैं। जो अहंकार लग सकता है, वह वास्तव में चिंता को छिपाने का एक तरीका हो सकता है।
पालन-पोषण के मिथक
वायरल क्लिप्स अक्सर त्वरित निर्णय लेने को बढ़ावा देती हैं। डॉ. गोपालन कहती हैं, "पालन-पोषण संघर्षों और सीखने के क्षणों से भरा एक लंबा खेल है।" हम अक्सर "अच्छे पालन-पोषण" को आदर्श सार्वजनिक व्यवहार से जोड़ते हैं, यह भूलकर कि असली विकास गलतियों से होता है।
हमारी प्रतिक्रियाएँ क्या दर्शाती हैं
बच्चे के व्यवहार ने कई सवाल खड़े किए हैं, लेकिन हमारी आलोचनाएँ भी हमारे व्यक्तित्व को दर्शाती हैं। डॉ. गोपालन कहती हैं, "हमारा समाज आज्ञाकारिता और विनम्रता को महत्व देता है।" हम अक्सर इस बात को अधिक महत्व देते हैं कि बच्चे सार्वजनिक रूप से कैसे दिखते हैं, बजाय इसके कि वे अंदर से कैसा महसूस करते हैं। सोशल मीडिया के युग में, इन पलों का बच्चे पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इससे बच्चे के आत्मसम्मान को ठेस पहुँच सकती है।
निष्कर्ष
हर बच्चे को गलतियाँ करने का हक है। माता-पिता को हमेशा इस दुविधा में रहना पड़ता है कि क्या सही है। स्क्रीन पर बिताए कुछ क्षणों को नैतिक फैसले में बदलने से यह स्पष्ट होता है कि शायद बच्चों को ही नहीं, बल्कि हमें भी सहानुभूति और आत्मविश्वास के पाठों की आवश्यकता है।