क्या है जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर बाबा का रहस्य? जानिए 106 करोड़ के धर्मांतरण रैकेट की सच्चाई
धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से जुड़ी जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर बाबा की कहानी न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह एक गहरी साज़िश का भी पर्दाफाश करती है। पहले साइकिल पर अंगूठी और ताबीज़ बेचने वाला यह शख्स अब कथित तौर पर 106 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग से चलने वाले एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का मुख्य आरोपी बन गया है। यूपी एटीएस ने उसे और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ़ नसरीन को गिरफ्तार किया है.
गरीब महिलाओं को बनाया शिकार
छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने विशेष रूप से गरीब और असहाय महिलाओं को धर्मांतरण के लिए निशाना बनाया। पुलिस के अनुसार, उसके पास से मिली एक डायरी में जाति के आधार पर 'रेट कार्ड' पाया गया है। ब्राह्मण/क्षत्रिय महिलाओं के धर्मांतरण के लिए 15-16 लाख, ओबीसी के लिए 10-12 लाख और अन्य जातियों के लिए 8-10 लाख रुपये तक का भुगतान तय किया गया था.
अवैध संपत्तियों का खुलासा
पुलिस और खुफिया एजेंसियों का मानना है कि जलालुद्दीन को खाड़ी देशों और पाकिस्तान से फंडिंग मिलती थी। इन पैसों से उसने बलरामपुर में अवैध हवेली, लोनावाला में महंगी जमीन और अन्य संपत्तियां खरीदीं। जांच में यह भी सामने आया कि उसके करीबी लोगों के खातों में भी विदेशी धन पहुंचा, जिसमें एक सहयोगी का खाता स्विस बैंक में है.
हवेली का ध्वंस
उत्तर प्रदेश प्रशासन ने 8 जुलाई को उसकी हवेली को अवैध निर्माण मानते हुए ध्वस्त कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को 'राष्ट्र-विरोधी' साज़िश करार दिया और कहा कि महिलाओं की गरिमा के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। स्थानीय पत्रकार आलोक के अनुसार, छांगुर बाबा का नेटवर्क 2015 में एक साधारण दुकान से शुरू हुआ था, लेकिन सऊदी अरब की यात्रा के बाद उसने मुंबई और बलरामपुर में अपनी पकड़ मजबूत की।
महिलाओं के लिए खतरा
आरोप है कि उसके संबंध न्यायिक मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधिकारियों से थे, जिनके संरक्षण में वह कार्य करता रहा। उसकी दरगाह पर देश-विदेश से लोग आते थे। यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान और उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने इस मामले को महिलाओं के लिए घातक बताया और इसके लिए मृत्युदंड की मांग की है.