×

गुल्लक का इतिहास: सूअर के आकार का रहस्य

गुल्लक, जिसे आमतौर पर पिगी बैंक कहा जाता है, का सूअर के आकार में होना एक दिलचस्प इतिहास से जुड़ा है। यह कहानी मध्यकालीन इंग्लैंड से शुरू होती है, जहां पैसे रखने के लिए मिट्टी के बर्तनों का उपयोग किया जाता था। जानें कि कैसे 'पाइग' शब्द का उच्चारण बदलकर 'पिग' हो गया और कैसे सूअर का आकार समृद्धि और भाग्य का प्रतीक बन गया।
 

गुल्लक का परिचय

बच्चों के लिए बचत का पहला पाठ सिखाने वाली गुल्लक, जिसे आमतौर पर 'पिगी बैंक' कहा जाता है, का नामकरण और आकार एक दिलचस्प कहानी से जुड़ा है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसे सूअर के आकार में क्यों बनाया जाता है? इसका इतिहास मध्यकालीन इंग्लैंड से शुरू होता है। उस समय, लोग अपने पैसे रखने के लिए मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करते थे। ये बर्तन एक विशेष नारंगी रंग की सस्ती मिट्टी से बनाए जाते थे, जिसे 'पाइग' (Pygg) कहा जाता था। इसी कारण, इन पैसों के बर्तनों को 'पाइग जार' या 'पाइग पॉट' के नाम से जाना जाता था।


जैसे-जैसे समय बीतता गया, 'पाइग' शब्द का उच्चारण 'पिग' (सूअर) जैसा होने लगा। यह एक भाषाई संयोग था, क्योंकि दोनों शब्दों की ध्वनियाँ एक जैसी हो गईं। 18वीं और 19वीं शताब्दी में, इंग्लैंड में कुम्हारों ने ग्राहकों के लिए पैसे रखने वाले बर्तन बनाए, और उन्होंने 'पाइग पॉट' और 'पिग' शब्द की समानता का लाभ उठाया। कुम्हारों ने मजाक में या ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए इन बर्तनों को सूअर के आकार में बनाना शुरू कर दिया।


ग्राहकों को यह नया आकार बहुत पसंद आया, और यहीं से 'पिगी बैंक' का सूअर के आकार में बनने का चलन शुरू हुआ। सूअर के आकार की गुल्लक का होना केवल एक भाषाई संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे कुछ प्रतीकात्मक महत्व भी है। कई संस्कृतियों, विशेषकर एशियाई संस्कृतियों में, सूअर को समृद्धि, भाग्य, धन और उर्वरता का प्रतीक माना जाता है। इन्हें अक्सर अच्छी किस्मत और प्रचुरता लाने वाला जीव माना जाता है।


इस प्रकार, सूअर के आकार की गुल्लक केवल पैसे बचाने का साधन नहीं है, बल्कि यह अच्छी किस्मत और भविष्य में धन वृद्धि की उम्मीद का प्रतीक भी बन गई है।