गोरेगांव के उडीपी विहार रेस्टोरेंट का अनोखा विदाई समारोह
उडीपी विहार का यादगार अंतिम दिन
उडीपी विहार गोरेगांव: मुंबई के गोरेगांव पूर्व में स्थित 'उडीपी विहार रेस्टोरेंट' ने अपने अंतिम दिन को खास बनाने के लिए एक अनोखा प्रस्ताव पेश किया। 'आपके ज़माने में बाप के ज़माने के दाम' की टैगलाइन के साथ शुरू हुई इस पहल ने खाने के शौकीनों का दिल जीत लिया। इस रेस्टोरेंट ने बंद होने से पहले एक दिन के लिए 1962 के दामों पर स्वादिष्ट भोजन परोसकर सभी को चौंका दिया। भारी बारिश के बावजूद, इस ऑफर का लाभ उठाने के लिए रेस्टोरेंट के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए।
18 अगस्त, सोमवार को शुरू हुए इस विशेष ऑफर ने गोरेगांव के 'उडीपी विहार' को सुर्खियों में ला दिया। यह रेस्टोरेंट, जिसे जल्द ही नई इमारत के लिए तोड़ा जाना है, ने अपने ग्राहकों को पुराने ज़माने का स्वाद और अनुभव देने का निर्णय लिया। इस खास दिन, रेस्टोरेंट ने अपने सभी प्रसिद्ध व्यंजनों को 1962 की कीमतों पर परोसा। ग्राहकों को 50 पैसे में पूरा दोपहर का भोजन और 12 पैसे में जलेबी, वड़ा, इडली जैसे व्यंजन मिले, जिसने सभी को रोमांचित कर दिया।
1962 का मेनू, आज का स्वाद
उडीपी विहार ने अपने विदाई समारोह में 1962 के मेनू को फिर से जीवंत कर दिया। इस मेनू में शामिल थे:
- चावल की प्लेट: पटल भाजी, तेंदू, चना, चावल, दाल, छाछ, 4 पूरी, तले हुए पापड़ – मात्र 0.50 पैसे
- शीरा: 0.12 पैसे
- उपमा: 0.12 पैसे
- इडली: 0.20 पैसे
- मेदु वड़ा: 0.20 पैसे
- डोसा (सादा/मसाला): 0.20 पैसे
- बटाटा वड़ा: 0.12 पैसे
- उसल पाव (वतन): 0.12 पैसे
- मिक्स वेज पकोड़ा: 0.07 पैसे
- चाय: 0.12 पैसे
- जलेबी (4 पीस): 0.12 पैसे
इन कीमतों ने न केवल ग्राहकों को आकर्षित किया, बल्कि उन्हें उस दौर की यादों में भी ले गया, जब खाना इतना सस्ता हुआ करता था।
सोशल मीडिया पर छाया उडीपी विहार
इस अनोखे ऑफर की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैली। कई वीडियो और तस्वीरें सामने आईं, जिनमें दिखाया गया कि कैसे खाने के शौकीन इस ऐतिहासिक रेस्टोरेंट के आखिरी दिन का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित थे। लोगों ने इस पहल को सराहा और इसे यादगार बनाने के लिए लंबी कतारों में खड़े होकर अपने पसंदीदा व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
एक युग का अंत, यादों का सफर
'उडीपी विहार रेस्टोरेंट' का यह आखिरी दिन न केवल भोजन का उत्सव था, बल्कि एक युग के अंत का भी प्रतीक था। इस रेस्टोरेंट ने दशकों तक मुंबईवासियों के दिलों में अपनी जगह बनाई थी। इस ऑफर के जरिए, रेस्टोरेंट ने अपने ग्राहकों को एक बार फिर से पुराने ज़माने का स्वाद और सादगी का अनुभव कराया। यह दिन निश्चित रूप से गोरेगांव के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया।