गोवर्धन असरानी का निधन: हिंदी सिनेमा में एक युग का अंत
गोवर्धन असरानी का निधन
गोवर्धन असरानी का निधन: हिंदी फिल्म उद्योग को मंगलवार को एक बड़ा झटका लगा जब प्रसिद्ध अभिनेता और कॉमेडी के प्रिय कलाकार गोवर्धन असरानी के निधन की सूचना मिली। 84 वर्षीय असरानी ने सोमवार शाम को अंतिम सांस ली, जिससे बॉलीवुड में शोक की लहर फैल गई। उनके प्रबंधक बाबूभाई थिबा ने पुष्टि की कि असरानी का निधन जुहू के आरोग्य निधि अस्पताल में दोपहर लगभग 3 बजे हुआ। सलमान खान ने भी उनके निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
असरानी के निधन पर कई बॉलीवुड सितारों ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। सुपरस्टार सलमान खान ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर असरानी की एक पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "असरानी जी के जाने की खबर से दिल टूट गया। वे हंसी के सच्चे सम्राट थे, जिनकी मुस्कान आज भी हमें हंसाती रहेगी।" सलमान का यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गया और लाखों फैंस ने इसे रीट्वीट किया।
मनोज बाजपेयी ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "असरानी सर के निधन से गहरा आघात लगा। 'दस टोला' फिल्म में उनके साथ काम करना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान था। उनकी सादगी और प्रतिभा हमेशा याद रहेगी।" अन्य सितारों जैसे अनुपम खेर, जैकी श्रॉफ और रवीना टंडन ने भी असरानी को याद करते हुए अपनी पुरानी यादें साझा कीं।
हिंदी सिनेमा में असरानी का योगदान
असरानी, जिन्हें प्यार से 'अंग्रेजों के जमाने के जेलर' कहा जाता था, ने हिंदी सिनेमा में पांच दशकों से अधिक समय तक अपनी छाप छोड़ी। 1941 में गुजरात के जयपुर में जन्मे असरानी ने लगभग 350 से अधिक फिल्मों में काम किया, जिनमें 'शोले', 'चुपके-चुपके', 'अभिमान', 'छोटी सी बात' और 'भूल भुलैया' जैसी कालजयी कृतियां शामिल हैं। उनकी अदाकारी का जादू न केवल कॉमेडी में, बल्कि गंभीर भूमिकाओं में भी देखने को मिला। 'शोले' में जेलर की भूमिका ने उन्हें घर-घर पहचान दिलाई, जबकि कादर खान जैसे सितारों के साथ उनकी जोड़ी दर्शकों के दिलों में बसी रही। असरानी ने निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा और कई नाटकों का मंचन किया।