चंडीगढ़ के इस मंदिर में सावन का उत्सव: चांदी का शिव मुख है खास
चंडीगढ़ के प्राचीन शिव मंदिर में सावन का उत्सव
चंडीगढ़ के इस प्राचीन शिव मंदिर में सावन का उत्सव मनाया जाएगा: सेक्टर-24 में स्थित यह शिव मंदिर लगभग 125 वर्ष पुराना है। चंडीगढ़ बनने से पहले यहां लड़ गांव की खुदाई में एक स्वयंभू शिवलिंग मिला था। उस समय यहां एक छोटा सा शिवालय था। 1984 में मंदिर का निर्माण हुआ और 2000 से सावन के महीने में स्वयंभू शिवलिंग पर रुद्राभिषेक पूजा का आयोजन शुरू हुआ।
9 जुलाई को शिव मुख की पूजा
यहां भारी संख्या में श्रद्धालु रुद्राभिषेक कराने आते हैं। अब सावन के महीने में रुद्राभिषेक की बुकिंग की जाती है। लगातार रुद्राभिषेक से शिवलिंग का पिंडी स्वरूप छोटा होता जा रहा है, जिससे सुंदर श्रृंगार नहीं हो पा रहा था। इस समस्या को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने जयपुर से साढ़े पांच किलो चांदी का एक शिव मुख तैयार करवाया है।
रुद्राभिषेक के लिए 40 लोगों ने की बुकिंग
मंदिर में 10 जुलाई से रुद्राभिषेक की प्रक्रिया शुरू होगी। यह सुबह चार बजे, दोपहर 12 से चार और शाम 5:30 से 7:30 बजे तक आयोजित की जाएगी। एक पूजा में डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है। अब तक 40 लोगों ने रुद्राभिषेक के लिए बुकिंग कराई है।
6 महीने में तैयार हुआ शिव मुख
मंदिर सभा के अध्यक्ष आदर्श शर्मा ने बताया कि शिव मुख को बनाने में 6 महीने का समय लगा। यह शिव मुख डेढ़ फीट लंबा और एक फीट चौड़ा है। 9 जुलाई को शाम 5:30 बजे से 7 बजे तक शिव मुख की विशेष पूजा की जाएगी। इसके बाद यह शिव मुख रोजाना श्रावण मास में भगवान के श्रृंगार के दौरान पूजा में रखा जाएगा, जिससे मंदिर परिसर में मौजूद पुराने स्वयंभू भगवान शिव का श्रृंगार और भी सुंदर हो सकेगा।